टिकट मिला और.....
दुकान बंद हो गई ?
दोस्तों मेरी ये खबर देश के लिए ही नहीं बल्कि *कांग्रेस* के लिए आज की सबसे बड़ी खबर है।
चौकाने वाली बात ये है कि अलवर में एक साल पहले खुली *राहुल गांधी* की *पहली मोहब्बत* की दुकान बंद हो गई है।उस दुकान के *झोली झंडे* फाड़ दिए गए हैं केवल अब लोहे के डंडों के नंगे एंगल खड़े हैं और ऐसा मानों कि वे चीख चीख कर सौ कदम दूर रह रहे राहुल गांधी के सबसे खास और कांग्रेस के ताकतवर नेता
*भंवर जितेंद्र सिंह* से कह रहें हैं कि *राजा साब* राजू को टिकट मिलते ही *मोहब्बत की दुकान* बे रहमी से बंद कर दी गई है?
मेरी छोटी सी ये कलम दोस्तों आज आपको अपने आप में बहुत बड़ी खबर दे रही है।इस खबर से कुछ लोग नाराज भी होंगे।वे पता नहीं मुझे क्या क्या कह कर कोसेंगे।पर दोस्तों फिर दोहराता हूं कि मैं इस जगत में *भगवान* और *सज्जन* लोगों के सिवा मैं किसी से भी नहीं डरता हूं।मित्रों *राहुल गांधी* की दुकान *अलवर* में बंद हो गई ये खबर मेरे अलवर के बड़े नेताओं को इसलिए छोटी और अप्रासंगिक लग सकती है कि वास्तव में देखा जाए तो वे *कांग्रेस* के असली और जमीनी नेता हैं ही नहीं।कांग्रेस या सलीके के खुद्दार लोगों को मेरी खबर मन ही मन जरूर कचोटेगी और ये कहने को भी मजबूर करेगी कि *श्याम भाई ......*
*अब दादुर वक्ता भए*
*हमें पूंछहीं कौन?*
*कांग्रेस* के जमीनी बड़े नेता और *राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत* कई बार मुझसे चर्चा के दौरान कहते रहते हैं हैं कि श्याम भाई कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसकी जड़ें देश भर में गहरीं हैं।गांव गांव ढाणी ढाणी में *आजादी* की लड़ाई के समय से ही कांग्रेस की जड़े हरी हैं।मैं इस बात से सहमत हूं कि कांग्रेस एक बड़ा और पुराना राजनेतिक संगठन है *घराना* है। पर अब ये सिमट सिमट कर एक घराने मात्र की कांग्रेस पार्टी रह गई है।
इस घराने के *युवराज राहुल गांधी* पिछले साल 19दिसंबर को अपनी *भारत जोड़ो यात्रा* लेकर अलवर आए थे।यहां मालाखेड़ा में उनकी सबसे बड़ी सभा मंत्री टीका राम जूली ने आयोजित की थी।बताते हैं कि ऐसी विशाल सभा तो उस यात्रा में कहीं कोई नहीं कर पाया।इसी सभा में भारी सैलाब देख राहुल बाबा को ऐसा जोश आया कि देश भर में *मोहब्बत की दुकान* खोलने का ऐलान कर दिया।वे बोले *पीएम मोदी* और *बीजेपी* ने *इंडिया* में *नफरत का बाजार* खोल दिया है इस नफरत के माहौल में मैं अब मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं। मित्रों *राहुल जी* मेरी तरह कब क्या बोल जाएं?ये वो भी नहीं जानते हैं।मेरी तरह उनके पास इतनी बातें और काम हैं कि हम याद भी रखें तो क्या क्या रखें? और कितना रखें? इसलिए राहुल जी को मेरे जैसे ठाली किसी राय बहादुर ने यह सलाह दे डाली कि देश में नफरत का माहौल है इसको दूर करने के लिए मोहब्बत की दुकान खोल डालो, लोगों में मोहब्बत की आपूर्ति दुकान के खुलने से स्वताहा हो जाएगी और इसकी शुरुआत भी अपने दोस्त जितेंद्र सिंह के फूलबाग महल के पास से करोगे तो इसकी महक दूर तलक जाएगी। शुभ चिंतकों ने ऐसी दुकान खुलवाई कि वो एक साल से पहले ही बंद हो गई।दुकान खुलवाने में जल्दी करने वाले मेरे यारों अपनी अक्ल पर थोड़ा रहम करते और सोचते कि अगर अक्ल और मोहब्बत दुकानों पर इस तरह बिकने लगे तो मेरा दावा है कि इस जमाने में मैं सबसे बड़े अमीरों की लाइन में आगे खड़ा मिलूं।मेरा अब तक दुर्भाग्य यही रहा कि अक्ल की कमी हमेशा मेरी दुश्मन बनी रही।भाइयों अक्ल किसी दुकान, शोरूम, ठेली रेहड़ी या फेक्ट्री में नहीं मिलती।मैने देश भर के बाजारों में खूब खाक छान मारी है पर ये कहीं भी किसी भी भाव मुझे अभी तक नहीं मिली है और साहब मोहब्बत का भी कमोबेश यही हाल है वैसे मेरा इससे भी ज्यादा पाला नहीं पड़ा। हां अलवर में 21मोती डूंगरी पर जब पिछले साल मोहब्बत की दुकान खुली तो मुझे बड़ी खुशी हुई कि चलो एक समस्या का हल तो हुआ पर हिना फिल्म का गाना...
*देर ना हो जाए*
*कहीं देर ना हो जाए...*
तो खूब गाता रहा पर पर इस मोहब्बत की दुकान पर पहुंचने में इतनी देर करी कि दुकान ही बंद मिली। दोस्तों इस आलेख के साथ मैं आपको जब दुकान खुली थी तब के दर्शन की तस्वीर और आज उजड़े मोहब्बत के इस चमन की फोटो भारी मन से दिखाने की कोशिश करूंगा।
इस दुःख भरी खबर को लिखने के लिए दोस्तों मेरे पास ज्यादा समय नहीं है इसका गहरा रहस्य गम गलत करने के बाद आपके सबके चरणों में जल्द प्रस्तुत करूंगा पर जैसा मैंने लोगों से सुना है उस आधार पर आपको मोटा मोटी बात बताना अपना धर्म समझता हूं।
ये दुकान जहां खुली वह बेशकीमती प्रॉपर्टी 21मोती डूंगरी मेरे बहुत प्रिय और अलवर के जबरदस्त नेता अजय अग्रवाल राजू भाई की है।राजू भाई बीजेपी में बड़े नेता रहे,नगर परिषद अध्यक्ष रहे, अलवर में खूब बिना बदबू के टॉयलेट बनाए।पांच साल पहले वे कांग्रेस में जोर शोर से आए टिकट नहीं मिला पर भगत सिंह चौराहे पर यूआईटी में अध्यक्ष की कुर्सी पांच साल तक मेरी तरह राजू भाई का इंतजार ही करती रही।सेवा भावी नेता टीका राम जूली जो मंत्री बने उन्होंने यहां 21मोती डूंगरी पर अपनी बैठक बना ली।राहुल जी की मोहब्बत की दुकान भी इसी अहाते में खुल गई बड़े बड़े पोस्टर होर्डिग लगे राहुल जी ही राहुल जी की जय जय कार साथ में जितेंद्र सिंह जी के बैनर भी।
कांग्रेस की पहली सूची में राजू यानी अजय भाई का नाम नहीं आया तो मामला बिगड़ गया।जूली साहब को अलवर ग्रामीण से पहली सूची में टिकट मिला।वे जुट गए अपने प्रचार में और पता नहीं टिकट की घोषणा पहले नहीं होने पर किसने मोहब्बत की दुकान में राहुल जी के पोस्टर होर्डिग फाड़ दिए हटा दिए और मोहब्बत की अच्छी खासी दुकान ही उजाड़ दी। आखिर में चुनाव नामांकन के आखिरी क्षणों में अजय अग्रवाल को टिकट मिला तब तक राजू की प्रॉपर्टी पर मोहब्बत की दुकान की जगह अजय अग्रवाल और उनकी धर्म पत्नी का नाम लिखा मिला।
कांग्रेस के ही मित्रों ने मुझे नाम नहीं बताने की शर्त पर कान में बताया कि अब राजू भाई को टिकट मिल ही गया तो मोहब्बत की दुकान बंद। अपना काम बनता और......
यानी अलवर की बहु चर्चित कहावत नहले पर दहला मारते हुए राजू भाई ने चरितार्थ कर डाली...
तू देव और मैं मेव
राम राम सा
🙏🏻 चिम्मन राठौर 🙏🏻
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