आदिवासी प्रकृति रक्षक है-दीपक कुमार केसरवानी
-आदिवासी संस्कृति, साहित्य, कला के अध्येता दीपक कुमार केसरवानी हुए सम्मानित।
-आदिवासी नृत्य करमा का प्रदर्शन किया लोक कलाकारों ने।
-सरकार द्वारा चलाई जा रही जनजातियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की दी गई जानकारी।
सोनभद्र-विश्व के प्रत्येक देश में आदिवासी जन निवास करते हैं और अपनी विशिष्ट साहित्य, कला, संस्कृति, भाषा, सामाजिक जीवन के कारण यह ग्रामीण, नगरीय एवं शहरी सभ्यता के लोगों से अलग पहचान है, यह प्रकृति के संरक्षक है और जब-जब प्रकृति का दोहन हुआ है तब* तब इन्होंने इसका विरोध किया ।
प्राकृतिक उत्पादों से भरपूर सोनभद्र जनपद में आदिवासी आदिकाल से निवास करते आ रहे हैं। पराधीनता के काल मे सोनभद्र के आदिवासी, देशभक्त, क्रांतिकारियों ,सेनानियों ने अंग्रेजों से सशस्त्र मुकाबला किया जिससे अत्याचारी अंग्रेजों को अपना कारोबार समेट कर भागना पड़ा,स्वाधीनता के बाद संविधान के निर्माण, लोकतंत्र की स्थापना एवं विकास में सोनभद्र के आदिवासी नेताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इनमें आदिवासी नेता स्वर्गीय राम प्यारे पनिका सहित अन्य जनप्रतिनिधियों का नाम उल्लेखनीय है।
उपरोक्त विचार विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक नगवा के ग्राम सभा कजियारी मे उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान एवं जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में "वर्तमान परिदृश्य में सशक्त जनजाति समाज एवं सशक्त भारत" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आदिवासी संस्कृति, साहित्य, कला के अध्येता एवं वरिष्ठ साहित्यकार दीपक कुमार केसरवानी ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) मीना श्रीवास्तव एवं वाराणसी से पधारे समाज कल्याण अधीक्षक अनिल चौरसिया ने कार्यक्रम के अध्यक्ष दीपक कुमार केसवानी को सम्मानित करते हुए संयुक्त रूप से कहा कि-"साहित्य समाज का दर्पण है और इस दर्पण में श्री केसरवानी आदिवासी जीवन का परिदृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं,उत्तर प्रदेश सरकार जनजातियों के संरक्षण, संवर्धन, विकास हेतु तत्पर है, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आदिवासी समाज को उठाना चाहिए। ताकि हमारे आदिवासी समाज उत्थान हो सके।"
संगोष्ठी में आदिवासी छात्र-छात्राओं को पेंटिंग, करमा नृत्य का प्रदर्शन करने वाले कलाकारों एवं कोरोना संक्रमण काल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवियों को माल्यार्पण कर, प्रशस्ति पत्र, अंगवसम प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान वाराणसी के सचिव/कार्यक्रम संयोजक बृजभान मरावी ने किया।
कार्यक्रम में ग्राम सभा कजियारी सहित अन्य आदिवासी गांव के युवा छात्र-छात्राएं, महिलाएं, विशिष्टजन उपस्थित रहे।
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