आज शाहजहांपुर जेल में बंदियों में सद्भाव व आध्यात्मिक ज्ञान दर्शन के उद्देश्य से देश प्रसिद्ध श्रीमद्भागवत कथावाचक परमपूज्य गौरदास जी महाराज, गौर कृपा धाम, वृन्दावन के द्वारा अपनी सम्पूर्ण वाद्य संगीत यंत्र व कलाकारों के साथ कारागार में सत्संग किया गया।
इस अवसर पर सत्संग का रसास्वादन हेतु पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पाल सिंह, व्यापार संगठन के अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह दुआ, राष्ट्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री हरिसरन वाजपेई, श्री पंकज टण्डन, श्री राजभूषण जौहरी, ब्रह्माकुमारी बहन विनीता आदि भी उपस्थित रहे।
पूज्य गौरदास जी महाराज के द्वारा भगवान शिव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा द्वीप प्रज्वलित किया। जेल अधीक्षक मिजाजीलाल के द्वारा पूज्य महाराज जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
उक्त कार्यक्रम राष्ट्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद के श्री हरिसरन वाजपेई के सौजन्य से आयोजित किया गया।
महाराज जी के द्वारा यह आश्चर्य व्यक्त किया गया कि कारागार जैसी जगह पर सत्संग का कार्यक्रम हो रहा है।यह बहुत सुखद आश्चर्य भरा है कि आपको जेल में रहते हुए भी सत्संग का रसास्वादन करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है।
पूज्य कथावाचक के द्वारा अनेक पौराणिक प्रसंग सुनाए तथा अपने कार्य व आचरण में सुधार लाने का अनुरोध किया। उनके द्वारा बंदियों को बताया कि आप जेल में हैं यह आप की मजबूरी है किन्तु अच्छे आचरण व कार्य करने की कोई रोक नहीं हैं।आप अच्छे काम करके अपना भविष्य उज्जवल कर सकते हैं।
महाराज जी के द्वारा अनेक भजन कीर्तन के द्वारा यह समझाया कि किस प्रकार एक व्यक्ति अच्छे कार्य व आचरण द्वारा अपना भविष्य उज्जवल कर सकता है।
बुरे काम हमेशा इंसान को पतन की ओर ले जाते हैं।
श्रीमद्भागवत के गजेंद्र प्रसंग के द्वारा यह समझाया कि किस प्रकार अभिमानी व्यक्ति का पतन होता है।और भगवत्भक्ति किस तरह उसे काल के गाल से बाहर ले आती है।
इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र पाल सिंह के द्वारा विचार व्यक्त किए गए तथा कहा कि ऐसे विचार शुद्धिकरण व आध्यात्मिक ज्ञान दर्शन के कार्यक्रमों से निश्चित रूप से बंदियों की मनोदशा में सुधार आयेगा। मैं लम्बे समय से जेल से जुड़ा हुआ हूं किन्तु इसके पहले जेल का ऐसा शान्त व सद्भाव भरा वातावरण कभी नहीं रहा। बंदी जेल में रहते हुए ही नहीं जेल से छूटने के बाद भी जेल अधीक्षक मिजाजीलाल एवं जेल के माहौल की तारीफ करते हैं।
अन्त में जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने परमपूज्य गौरदास जी महाराज का कारागार में पधार कर सत्संग के द्वारा बंदियों के आचरण में सुधार के लिए समय देने के लिए आभार व्यक्त किया।
सभी बंदियों ने करतल ध्वनि से महाराज जी का आभार प्रकट किया।
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