मायके के दखल से लड़कियों के नहीं बन पा रहे हैं अपने घर- साधना मिश्रा
साधना मिश्रा जिला समन्वयक जिला प्रोवेशन कार्यालय सोनभद्र बताया गया कि काउंसलिंग के दौरान अभी तक कई प्रकरणों में यह तथ्य सामने आए हैं कि शादी के बाद भी मायके वाले अपनी लड़की के लगातार संपर्क में रहते हैं। दिन भर में कई बार बात करते हैं। हर छोटी-बड़ी बातों में मां का हस्तक्षेप होने से शादी होकर नए घर में आई लड़की अपने पति और ससुराल पक्ष के साथ रिश्ता ही नहीं बना पाती।
मायके वालों के दखल के कारण पहले से ही वह ससुराल को अलग तरीके से देखती है।
शादी के कई महीनों बाद भी वह अपनी मां को मायके से दिन भर जुड़ी रहती है। उनके ही निर्देश पर वह काम करती है। जिसके कारण कई घर बसने के पहले ही बिखरने लगते हैं। पति-पत्नी के बीच घरेलू हिंसा/ तलाक की नौबत आ जाती है।
ज़िला प्रोवेशन कार्यालय सोनभद्र में काउंसलिंग के दौरान घरेलु हिंसा की कई फ़ीसदी से अधिक मामलों में मायके वालों के लगातार नियमित हस्तक्षेप के कारण रिश्ते टूटने की बात कही गई है। हर छोटी बड़ी बातें में मायके के लोग हस्तक्षेप करते हैं।
*मोबाइल पर ज्यादा बात के कारण मायके और ससुराल के बीच झूला झूलती लड़की*
मोबाइल फोन रिश्तो को बनने के पहले ही बिगाड़ रहा है। शादी होकर लड़की ससुराल पहुंचती है। सबसे ज्यादा बातें वह अपने मायके करती रहती है। पति और ससुराल की हर बात शेयर करती है। उसको ज्यादा से ज्यादा अधिकार संपन्न बनाने और हर किसी को अपनी उंगलियों पर नचाने के नुस्खे देते रहते हैं। जिसके कारण नव दंपति के बीच में भी वह रिश्ता नहीं बन पाता है। जो एक पति पत्नी के लिए जरूरी होता है। इसके साथ ही पत्नी के रूप में शादीशुदा लड़की अपना घर भी नहीं बसा पाती है। जिसके लिए उसने शादी की है। इस तरह के मामलों में काउंसलर की भूमिका भी कोई असर नहीं कर पा रही है।
COMMENTS