कडींसौड़।।विकासखंड थौलधार के मजंरुवाल गांव में 9 दिनों तक चली देवी भागवत महापुराण के साथ साथ राम मंदिर मुर्ति प्राण प्रतिष्ठा व हरियाली यज्ञ का राम नवमी के पावन अवसर पर विशाल भंडारे के साथ समापन हो गया।
इस अवसर पर बिप्र मंडली से ब्यास पीठ पर बिराजमान आचार्य रमेश जी महाराज,मडंपाचार्य गोपाल भट्ट,पुरोहित दिनेश भट्ट,कन्यैहा भट्ट, रामकिशोर भट्ट, संगीतकार शांति प्रसाद चमोली, आदित्य चमोली, रसोइया बिरजमणी खडूंडी,अमरदेव खडुडीं उपस्थित रहें।
कथा सुनने को उमड़ी भारी भीड़ के सामने लंबा-चौड़ा पाँडाल छोटा पड़ने पर श्रद्धालुओं को पाँडाल के बाहर खड़े होकर कथा सुनने को विवश होना पड़ा।
व्यास गद्दी पर विराजमान कथावाचक आचार्य रमेश जी महाराज ने देवी भागवत कथा का सार बताते हुए कहा कि नवरात्रों के 9 दिन मां दुर्गा के 9 रुपों की विधि-विधान पूर्वक पूजा-पाठ व स्तुति के होते हैं।
इस मौके पर प्रवचन करते हुए उन्होंने अनेकों दंत कथाएं भी सुनाई और उनसे जीवन में सबक लेने की जरूरत पर जोर दिया
आचार्य रमेश जी महाराज ने श्रीमद्भागवत महापुराण कथा श्रवण के महत्व को बताते हुए कहा कि सच्चे मन से कथा सुनने पर भयंकर रोग,अतिवृष्टि,अनावृष्टि,भूत प्रेत बाधा,कष्ट योग निवारण व मन की शुद्धि होती है। ईश्वर भक्ति की प्रेरणा जागृत होती है,और भक्ति से शक्ति की प्राप्ति होती है,विकारों से छुटकारा मिलता है,इसीलिए देवी भागवत महापुराण को मुक्ति का ग्रंथ कहा जाता है।प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि देवी भागवत महापुराण यज्ञ पितरों की शांति,रोग,शोक व पारिवारिकअशांति दूर करने तथा सुख, शांति,समृद्धि व खुशहाली लाने के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है।प्रवचन में उन्होंने कहा भक्ति श्रद्धा से ओतप्रोत श्रद्धालु भक्तजनों के लिए देवी भागवत कथा उस मोक्षदायिनी मंदाकिनी के समान है,जिसमें डुबकी लगाते हुए आध्यात्मिक एवं शांति रूपी रत्नों की प्राप्ति होती है।यज्ञ में बुजुर्ग-बच्चे,महिला-पुरुष हर कोई बढ़-चढ कर हिस्सा ले रहे थे।
उस वक्त का नजारा व दृश्य अत्यंत ही भक्ति मय व दर्शनीय लग रहा था जब गाँव के ग्रामीण श्रद्धालु भक्तजन ढोल-दमाउँ की थाप पर आज इस तेज बारिश में भिगते हुए मां सुरकंडा की 3 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई की पैदल यात्रा सरपट चढ़ते हुए
समुद्र तल से 9.042फिट की ऊँचाई पर विराजमान सुप्रसिद्ध सिद्ध पीठ मां सुरकंडा के मंदिर में माँ के दर्शनों व मन्नतें माँगने जयकारों के साथ जा पहुंचे।सिर्फ 3 घंटों के भीतर चढ़ाई-उतराई की 31 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण कर भागवत कथा पडांल में पहुंचे श्रद्धालु ग्रामीणों का कहना था कि यह सब मां के आशीर्वाद से ही आस्था के रथ पर सवार होकर हो पाना ही संभव है।
श्रद्धालुओं ने माँ के दर्शन कर क्षेत्र,प्रदेश व देश की खुशहाली की कामना करते हुए अपने सुख,समृद्धि व नीरोग रहने की मन्नतें माँ से माँगी।
महायज्ञ के समापन पर ग्राम प्रधान पुष्पा देवी ने समस्त ग्राम वासियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा की सभी गांव वासियों को इसी प्रकार से प्रेम भाव से रहना चाहिए जिससे की गांव के विकास हो सके।
महायज्ञ के समापन अवसर पर राजेश नौटियाल उपाध्यक्ष उत्तराखंड प्रदेश ओबीसी मोर्चा,ने एवं समस्त ग्राम वासियों ने माँ की हरियाली व प्रसाद ग्रहण किया।
इस महायज्ञ के 9 दिवस के अंतराल में धनोल्टी विधायक प्रितम पवांर एवं कार्यकर्ता,थौलधार ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बुद्धी बिष्ट,थाना छाम के ए एस आई एस पी डिमरी एवं स्टाफ,मसुरी नगर पालिका सभासद गीता कुमांई एवं कार्यकर्ता,खंड विकास अधिकारी थौलधार डी पी थपलियाल,बिजेंद्र चौहान,जी आई सी मैंडखाल प्रधानाचार्य एच सी रमोला,बी एस भंडारी एवं शिशु मंदिर प्रधानाचार्य आर एल अवस्थी,ए एस भंडारी,मैडंखाल ब्यापार मंडल श्री कृष्ण नौटियाल, एवं क्षेत्रीय प्रधान गण,व समस्त जनप्रतिनिधियों व स्थानीय ग्राम वासियों ने ब्यास पीठ से आशिर्वाद लेने हेतु शिरकत की है।
प्रगति मिडिया से सुनील जुयाल की रिपोर्ट।।
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