घोरावल। घोरावल नगर से सटे केवटा ग्राम पंचायत में शिव शक्ति विभा ग्रीन सिटी में रविवार को कलश यात्रा व शोभायात्रा के साथ रूद्र महायज्ञ एवं शिव महापुराण ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ किया गया।
रविवार को विधि विधान के साथ मंडप पूजा और यज्ञ देवता की पूजा के बाद काशी धर्म पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री नारायणानंद तीर्थ जी महाराज के नेतृत्व में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने विवेक शिशु मंदिर स्थित सरोवर से 108 कलशों में जल भरा और कलश यात्रा एवं शोभायात्रा निकाली गई।पूरे नगर व केवटा ग्राम पंचायत में भ्रमण के बाद कलश यात्रा पुनः यज्ञ मंडप में पहुँची।यहां काशी के विद्वानों द्वारा मंडप प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की गई औऱ पवित्र कलशों की स्थापना की गई।
इस अवसर पर पूज्यश्री ने कहा कि यज्ञ मानव एवं सृष्टि के कल्याण का सर्वोत्तम साधन है।जब सारे जप-तप निष्फल हो जाते हैं, तब यज्ञ ही सब प्रकार से रक्षा करता है। सृष्टि के आदिकाल से प्रचलित यज्ञ सबसे पुरानी पूजा पद्धति है। वेदों में अग्नि परमेश्वर के रूप में वंदनीय है। समस्त भुवन का नाभि केंद्र यज्ञ ही है। यज्ञ की किरणों के माध्यम से संपूर्ण वातावरण पवित्र व देवगम बनता है। यज्ञ साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप है। वेदों का संदेश है कि शाश्वत सुख और समृद्धि की कामना करने वाले मनुष्य यज्ञ को अपना नित्य कर्तव्य अवश्य समझें।यज्ञ लौकिक संपदा के साथ-साथ आध्यात्मिक संपदा की प्राप्ति का द्वार है। इस अवसर पर वंशी धर दुबे अरुण कुमार दुबे,राम आशीष दुबे,विनोद तिवारी,सतीश मिश्र, मुन्ना दूबे बलहरा,अतुल दुबे,रमेश पांडेय,हर्ष पांडेय,अनिल दुबे,देवेश गोयल,सूर्यकांत दुबे निराला,पिंटू तिवारी,महेंद्र पांडेय, हिमांशु सिंह, काजू सेठ,राजकुमार सेठ इत्यादि रहे।
COMMENTS