शिव कुमार शर्मा का निधन संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है - दीपक कुमार केसरवानी
- बनारस संगीत घराने से उनका गहरा ताल्लुक था।
- गंगा महोत्सव, संकट मोचन
संगीत समारोह में 25 वर्षों तक संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
- कठिन संगीत साधना के थे पक्षधर।
सोनभद्र। सुप्रसिद्ध संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन से संपूर्ण भारतीय संगीत जगत स्तब्ध और निशब्द है।
पंडित शिवकुमार शर्मा का बनारस संगीत घराने से गहरा ताल्लुक रहा बनारस में आयोजित गंगा महोत्सव,संकट मोचन संगीत समारोह अथवा अन्य कार्यक्रमों में वे अवश्य भाग लेते थे, संकट मोचन संगीत समारोह में उनके उपस्थिति का सिलसिला लगभग 25 वर्षों तक चला।
उपरोक्त विचार विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी ने व्यक्त करते हुए कहा कि- पंडित शिवकुमार शर्मा प्रख्यात संतूर वादक थे और इन्होंने शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक कीर्तिमान स्थापित किया, इस महान संगीतकार से मेरी मुलाकात वर्ष 2017 में संकट मोचन संगीत समारोह में भोजपुरी काव्य के सशक्त हस्ताक्षर पंडित हरिराम द्विवेदी के साथ हुआ था, मैं इनका साक्षात्कार लेना चाहता था परंतु उसी दिन इन्हें वापस लौटना था जिसके कारण साक्षात्कार संभव नहीं हो पाया। लेकिन शास्त्रीय संगीत पर चर्चा हुई थी. अगले वर्ष साक्षात्कार देने का वायदा किया था, उस दिन मंच पर पंडित शिवकुमार शर्मा, सोनल मानसिंह, अनूप जलोटा जैसे दिग्गज संगीतज्ञो ने संकट मोचन धाम के मंच पर अपनी प्रस्तुति दिया था।
मेरी मुलाकात कुछ देर की भले रही हो लेकिन आकर्षक व्यक्तित्व, वार्तालाप की विशिष्ट शैली आज भी मुझे याद है।
विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट कार्यालय में आयोजित शोक सभा में उपस्थित संगीत प्रेमियों ने 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया।
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