सीएस ने रोका सीएमएचओ का वेतन!
छोटे साब ने रोकी बड़े साब की तनख्वाह!
बिना काम का वेतन पा रहे डॉ K C Meshraam
सिवनी जिले के स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ सामान्य सा नहीं दिख रहा है। कोरोना कोविड 19 के संक्रमण के चलते सिवनी जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं किस कदर पटरी से उतरी हैंए इस बारे में जिले की जनता बेहतर ही जान रही है। वहीं दूसरी ओर प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉK C Meshraam का वेतन उनके अधीन काम करने वाले सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक कार्यालय के द्वारा रोक दिया गया है।
सीएमएचओ कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस रहस्य पर से पर्दा उठाते हुए समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि डॉण् केण्सीण् मेश्राम लंबे समय से प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। उनकी मूल पदस्थापना पूर्व में प्रभारी सीएमएचओ से हटाकर इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में रेडियोलाजिस्ट के पद पर कर दी गई थी। उसके बाद से डॉण् केण्सीण् मेश्राम का वेतन जिला अस्पताल से ही निकल रहा है।
उल्टी गंगा बहने लगी स्वास्थ्य विभाग में!
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया के बतौर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का पद होता है। उनके अधीनए जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारीए विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारीए सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य विभाग के लगभग सभी जिलाधिकारी होते हैं। सूत्रों की मानें तो यह इतिहास का संभवतः पहला मामला होगा जब किसी मातहत अधिकारी के द्वारा अपने जिला प्रमुख का ही वेतन रोक दिया गया हो।
बिना काम का ले रहे वेतन!
सीएमएचओ कार्यालय में चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी K C Meshraam की पदस्थापना जबसे इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में बतौर रेडियोलाजिस्ट हुई हैए उसके बाद से उनके द्वारा न तो ईसीजी न ही सीटी स्केनए न सोनोग्राफी की गई न ही उनकी रिपोर्ट ही तैयार की गई हैं। सूत्रों ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत अगर यह बात निकाल ली जाए कि डॉण् केण्सीण् मेश्राम के द्वारा अब तक कितनी रिपोर्ट बनाई गईं तो दूध का दूध पानी का पानी हो सकता है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि अपनी मूल पदस्थापना रेडियोलॉजिस्ट के होते हुए बिना काम का वेतन ही डॉण् केण्सीण् मेश्राम के द्वारा लिया जा रहा है।
अस्वस्थ्य हुए थे प्रभारी सीएमएचओ!
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह भी बतााय कि प्रभारी सीएमएचओ डॉ. के. मेश्राम के वेतन को रोकने का मुख्य कारण उनका अस्वस्थ्य होना और उसके बाद उनके द्वारा मेडिकल प्रमाणपत्र फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत न किया जाना है। सिविल सर्जन कार्यालय से लेकर सीएमएचओ कार्यालय तक इस बात को लेकर जमकर चटखारे लिए जा रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग के जिले के विभाग प्रमुख का वेतन उनके अधीन काम करने वाले एक कार्यालय के द्वारा रोक दिया गया है और वे खुद को असहाय ही महसूस करते दिख रहे हैं। चर्चाएं तो यहां तक भी हैं कि उनके वेतन से उनके द्वारा बनाए गए नए भवन की किश्तें भी कटती हैं अगर वेतन नहीं मिला तो उनके वेतन से उनके मकान की किश्तें शायद ही कट पाएं और यह एक नया सरदर्द उनके लिए पैदा न हो जाए!
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