पंजाब पुलिस ने अमरनाथ यात्रा और घुसपैठ की कोशिशों के मद्देनजर पठानकोट और सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई
- पंजाब पुलिस मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा निर्देशों अनुसार श्रद्धालुओं के लिए मुश्किल रहित यात्रा को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध
- विशेष डी.जी.पी ने पठानकोट में पुलिस, सेना, सिविल प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
- तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पंजाब पुलिस के 550 जवान, एसओजी, स्नाइपर टीमें, बम निरोधक दस्ता और अन्य कमांडो इकाइयां की गईं तैनात: विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला
- असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन निगरानी प्रणाली सुनिश्चित की गई
चंडीगढ़/पठानकोट, 3 जुलाई:
मुख्य मंत्री भगवंत मान की ओर से पंजाब पुलिस को श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुगम और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने का निर्देश देने के बाद, विशेष पुलिस महानिदेशक (विशेष डीजीपी) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने आज इस संबंध में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए पुलिस, सेना, नागरिक प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
पठानकोट में हुई यह बैठक चल रही अमरनाथ यात्रा के लिए रणनीतिक तैयारियों के विभिन्न पहलुओं जैसे पुलिस तैनाती, सुरक्षा उपाय, यातायात प्रबंधन और आपदा प्रबंधन पर केंद्रित थी। इस बैठक के दौरान कोट भट्टियां गांव, बामियाल में हथियारबंद संदिग्धों को देखे जाने और कठुआ जिले में हथियारबंद संदिग्ध के साथ मुठभेड़ की घटनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक में पंजाब पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हिमाचल प्रदेश पुलिस, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
विशेष पुलिस महानिदेशक अर्पित शुक्ला ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करने और श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि 550 पंजाब पुलिस जवानों, एसओजी, स्नाइपर टीमों, बम निरोधक दस्ते और अन्य कमांडो इकाइयों की तैनाती से सुरक्षा स्तर को और बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही पंजाब पुलिस द्वारा आठ दूसरी पंक्ति की रक्षा चौकियां भी स्थापित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि सड़कों के प्रभावी प्रबंधन के लिए उन्हें पांच सेक्टरों में विभाजित किया गया है और उनके साथ सीएपीएफ की चार कंपनियां तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि लंगर स्थानों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था, कैमरों की स्थापना, बुलेट प्रूफ मोर्चे और एसओजी की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पार्किंग के लिए उचित प्रबंध करने और सभी पांच सेक्टरों में बलों की रणनीतिक तैनाती के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस सेवाएं, टो वाहन और हाइड्रा पहले से ही मौजूद हैं।
अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों और सिविल प्रशासन के बीच घनिष्ठ समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए, विशेष डीजीपी ने सुचारू और शांतिपूर्ण यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उचित योजना और प्रभावी विधि अपनाने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि ड्रोन निगरानी प्रणाली असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखेगी और बीएसएफ और पठानकोट पुलिस द्वारा संयुक्त जांच चौकियां भी स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी खतरे से बचने के लिए नियमित घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ) और सुरंग रोधी अभियान चलाए जा रहे हैं।
किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए व्यापक आपदा प्रबंधन की आवश्यकता पर बल देते हुए, उन्होंने आग की घटनाओं या बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के कार्यान्वयन का आग्रह किया।
बैठक में डीआइजी बॉर्डर रेंज राकेश कौशल, डीआइजी बीएसएफ गुरदासपुर शशांक आनंद, डीआइजी बीएसएफ गुरदासपुर युवराज दुबे, डिप्टी कमिश्नर पठानकोट आदित्य उप्पल, एसएसपी पठानकोट सुहैल कासिम मीर, एसएसपी कठुआ अनायत अली और विंग कमांडर एआईएफ पठानकोट नरेंद्र सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी
और केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे
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