--- वे परिवार के सदस्यों, पार्टी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के साथ कटारूचक गांव से चलकर श्री बारठ साहिब गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेके।
पठानकोट, 28 दिसंबर 2023:- (दीपक महाजन) दशमपिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार के शहादत दिवस को समर्पित पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले तथा वन और वन्यजीव संरक्षण मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक ने अपने पैतृक गांव से पदयात्रा निकाली। उल्लेखनीय है कि इस पदयात्रा में कैबिनेट मंत्री पंजाब की पत्नी श्रीमती उर्मीला देवी, उनके पुत्र श्री रोबिन सिंह एवं रोहित सिंह, परिवार के अन्य सदस्य, ग्राम कटारूचक निवासी एवं बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।यह पदयात्रा गांव कटारूचक से शुरू हुई जो गांव डिबकू ढोलोरी से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग से कोटली, जसवाली, बारठ साहिब, समराला होते हुए बारठ साहिब पहुंची।
जहां गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कैबिनेट मंत्री पंजाब श्री लाल चंद कटारूचक का स्वागत किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री बाबा श्री चंद जी की ओर से तपस्थान श्री बारठ साहिब में माथा टेका और सभी की भलाई के लिए प्रार्थना की। गुरुद्वारा साहिब में प्रबंधकों द्वारा आज के दिन के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर अन्यों के अलावा सर्वश्री सतीस महिंदरू चेयरमैन हिंदू कॉरपोरेट बैंक पठानकोट, सोरव बहल, एडवोकेट रमेश कुमार, नरेश सैनी बी.सी. विंग जिला अध्यक्ष, सुरिंदर शाह ब्लॉक अध्यक्ष, पवन कुमार फोजी ब्लॉक अध्यक्ष, कुलवंत सिंह ब्लॉक अध्यक्ष, खुशबीर काटल वरिष्ठ आप नेता, बलजिंदर कौर ब्लॉक अध्यक्ष, नरजिंदर सिंह भिल्ला ब्लॉक अध्यक्ष, शैली शर्मा ब्लॉक अध्यक्ष, मुन्ना कटारूचक, हरजीत भगत एस.सी. . विंग के जिला अध्यक्ष दीपक गतोरा, शिव पावा, मास्टर हजारी लाल, प्रमोद बारठ साहिब, रवि जसवाली, साहिल गोबिंदसर आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा वन एवं वन्य जीव संरक्षण मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि आज की संगत प्रयास जो कटारूचक से गुरुद्वारा श्री बार्थ साहिब में नतमस्तक होने के लिए आई है। उन्होंने कहा कि पोह के दिन और ये दिन पंजाब के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण हैं, कैसे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पूरे परिवार ने जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसमें छोटे साहिबजादे और बड़े साहिबजादे शहीद हुए,चाहे वो कोई भी हो चमकौर की गढ़ी का युद्ध जिसमें बड़े सरदारों को लाखों उत्पीड़कों का सामना करना पड़ा और छोटे सरदारों को सरहंद राज्य में अमानवीय यातनाएं दीं, लेकिन उन छोटे सरदारों ने हार नहीं मानी, यहां तक कि माता गुजरी भी इस युद्ध में शहीद हो गईं। उन्होंने कहा कि अगर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन पर नजर डाली जाये तो आज उनके द्वारा किये गये कार्यों का श्रेय हम कभी नहीं ले सकते.
उन्होंने कहा कि हम इस दिव्य बलिदान को नमन करते हैं, एक ऐसा बलिदान जिसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता।आइए हम सब मिलकर सबकी भलाई के लिए प्रार्थना करें और उन शहिदों की याद को अपने दिलों में जीवित रखें और हमेशा सच्चाई की लड़ाई में लगे रहें।गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री पंजाब श्री लाल चंद कटारूचक ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के बाद पूरी संगत के साथ लंगर भी छका।
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