प्रधान क्षेत्र पंचायत स्वाभिमान संघ में की बुलंद आवाज
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा पत्र
सोनभद्र। कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार को प्रधान क्षेत्र पंचायत स्वाभिमान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष पवन कुमार शुक्ल के नेतृत्व में जिला अध्यक्ष सरताज अहमद के आवाहन पर मौजूद दर्जनों कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी 5 सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी नामित संबंधित बाबू को सौंप कर बुलंद की आवाज ।
जिला अध्यक्ष सरताज अहमद ने बताया कि प्रधान क्षेत्र पंचायत स्वाभिमान संघ लगातार पिछले कई वर्षो से बी०डी०सी० के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है और उ०प्र० के 75 जिलों के 826 ब्लाकों में संघ सक्रिय संगठन बी०डी०सी० का बना चुका है।
आपको अवगत कराना है कि बी०डी०सी० को निम्न अधिकार व शासनादेश जारी किये गये किन्तु जमीनी स्तर पर बी०डी०सी० को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। और हमारे बी०डी०सी० संघ पदाधिकारियों के द्वारा कहे जाने पर कहते हैं कि निम्न बिन्दुओं पर मुझे कोई निर्देश व जी0आई0ओ0 नहीं प्राप्त हुआ है जैसे -
1. पत्रांक सं0-2350/16 दिसम्बर 2021 मनोज कुमार सिंह अपर मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन ने लिखा है कि बी०डी०सी० की 6 बैठक प्रति वर्ष व 1000/- रूपये प्रति बैठक व 3,00,000/- दुर्घटना बीमा दिया जाना है। जबकि इनमें से किसी भी निर्देश का पालन नहीं हो रहा है।
2.पत्रांक सं0-1783 ग्राम विकास अनुभाग-7 के तहत अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जी०आई०ओ० 24 दिसम्बर 2021 और गाइड लाइन पत्रांक- 150 (मनरेगा पत्रांक सं0-0 / 2022 ) मनरेगा क्षेत्र पंचायतों द्वारा इम्प्लीमेन्ट एजेन्सी के रूप में दिया गया व पत्रांक सं0-173 ग्राम विकास अनुभाग-7 मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, दिनांक 07 अप्रैल 2022 का बी०डी०सी० के हित में निर्देशों का अभी तक कोई पालन नहीं हुआ है।
3.बी०डी०सी० के द्वारा बनाये गये आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र भी मान्य नहीं किये जा रहे हैं।
4.पंचम वित्त, 15वां वित्त व ग्राम निधि का 30 प्रतिशत व ग्राम पंचायतों के विकास कार्यो की स्वीकृति क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा की जाय व क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा कार्य योजना की सी०डी० न होना व भत्ते के लिए खाता फीड न होना आदि ।
जिस प्रकार प्रधान संघ के पदाधिकारियों को ब्लाक मीटिंग में आमंत्रित किया जाता है उसी प्रकार बी०डी०सी० पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए।
73वें संविधान संशोधन के फलस्वरूप त्रिस्तरीय पंचायती राज्य व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग बी0डी०सी० को भी संवैधानिक स्थान उसी प्रकार प्राप्त हुआ जिस प्रकार से प्रधानों को प्राप्त हुआ।
अतः श्रीमान् जी से निवेदन है कि बी०डी०सी० को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाये और उन्हें भी विकास के कार्यों में सहभागी बनाया जाये। चूंकि वह भी 2000 मतदाताओं व लगभग 4000 क्षेत्र पंचायत की जनता के प्रति जवाबदेही होते हैं। यह विषय अति संवेदनशील व गंभीर है इसलिए आप इस पर उचित कार्यवाही व सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने की कृपा करें । इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष पवन कुमार शुक्ला, रामसेवक पटेल, राम भरोसे, चंद्रभान सिंह, योगेश कुमार, विक्रम सिंह, गुलाब ,शाहिद खान, माधव सिंह ,रामलाल ,रविंदर आदि लोग मौजूद रहे।
COMMENTS