जोशीमठ में भूधंसाव से 600 से ज्यादा परिवार संकट में हैं। सड़कें धंस रही हैं, बाजार, मंदिर, हर जगह संकट है। एनटीपीसी के निर्माण के लिए जो सुरंग विस्फोट हो सकता है, इस त्रासदी का प्रमुख कारण माना जा रहा है। इसे लेकर स्थानीय लोगों में है। लोगों का कहना है कि अनियंत्रित विकास और बांध की सुरंग का निर्माण कार्य इसके लिए जिम्मेदार है। गुरुवार को स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ हाईवे पर चक्काजाम किया और बाजार को पूरी तरह से बंद कर दिया।
लोगों के कब्जे के बाद प्रशासन ने बद्रीनाथ हाईवे पर हेलंग नौ रास्ते के निर्माण को प्रतिरोधी के लिए ओबीआर को निर्देशित किया है। क्षेत्र में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 33 एव 34 के तहत एनटीपीसी को तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना के निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा नगर के सुनिश्चित क्षेत्रों में अन्य सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर शरण देने के लिए भी प्रभावित किया है। एनटीपीसी को प्रभावित करने के लिए जोशीमठ के सुरक्षित स्थानों में 2000 प्री फैब्रीकेट हट्स बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी को भी प्रभावित लोगों के लिए 2000 प्रिक्स फेब्रिकेटेड हट्स का उल्लेख के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भूधसांव के सन्दर्भ में कल 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक होगी।
बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिलाई, पुलिस दर्ज, आयुक्त गढवाल मंडल, पुलिस महानिरीक्षक स्तम्भ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जो अधिकारीगण मुख्यालय में उपस्थित हैं भौतिक रूप में एवं अन्य अधिकारीगण जो मुख्यालय से बाहर हैं, ये वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभा दिखाएंगे।
जोशीमठ में हो रहे भू-धसांव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने दिये अधिकारियों को दिशा निर्देश।आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश परगढवाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रनजीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिकारी पीयूष राजतेला, एंडी रेटिंग के अधिकाराधिकारी रोहितास मिश्रा, न्यायाधिकार केंद्र के अधिकृत सांतुन सरकार, प्राधिकरण रूड के अधिकृत सांतुन डा. बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी संख्यात्मक की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है।
गढवाल आयुक्त एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेकर स्थिति की समीक्षा की। मानकों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने ओ के लिखे निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तापोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के आरंभ कार्य एवं निगम क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यो पर सुपरमेटर तक अस्पष्ट प्रभाव से रोक लगा दी है। जोशीमठ-औली रोपवे के संचालन के साथ पूर्व को भी रोक दिया गया।प्रभावित ऑफसेट करने के लिए जिला प्रशासन ने एनटीपीसी वीसीसी द्वारा पहले से जमा राशि एच से 2-2 हजार पूर्व-निर्धारित ब्रिक भवन तैयार करने के लिए भी आदेश जारी किया है।
जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को लेकर प्रशासन प्रभावित सभी को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है। प्रभावित म्यूनिसिपल, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 सभी सुरक्षित स्थानों को अस्थायी रूप से बदल दिया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थिति पर स्विच हो गए हैं।भू-धसाव बढ़ने से खतरों की जद में आने की आशंका को पहचाना जा रहा है। ताकि किसी जानमाल का नुकसान न हो। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय और अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारी नामित किए गए हैं।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपरधिकारी डा.अभिषेक त्रिपाठी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट दा.दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम पर मौजूद है।
जोशीमठ भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए स्ट्रेटेजी, एंडी रैंकिंग, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट पर रखा गया है।बुधवार को जोशीमठ से 66 परिवारों को सुरक्षित ठिकाने पर भेज दिया गया। अब तक 77 ट्वीट किए जा चुके हैं। राज्य सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। सर पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बृहस्पतिवार को मानक का एक दल जोशीमठ रवाना होगा।स्टेटसी फ़ाउंडेशन ने उत्तराखंड में आने वाले प्रमुख प्राकृतिक प्रवास और प्रवास पर अपनी तीसरी रिपोर्ट जारी की है। उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लिए नहीं हैं। रिपोर्ट में जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव को लेकर चिंता जा रही है। इसके साथ ही सड़क दुर्घटना में क्रिकेटर ऋषभ पंत के घायल होने की घटना को भी एक चेतावनी के रूप में देखा गया है।रिपोर्ट का प्रमुख हिस्सा इस बार जोशीमठ का भूतसाव को लेकर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के 500 से ज्यादा घर नहीं रहेंगे। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण उन्हें 24 दिसंबर को पानी में उतरना पड़ा। इस दिन शहर की करीब आठ सौ मिनट का विरोध संदर्भ बंद हो रहा है। जोशीमठ धंसाव के कारणों का भी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। इसके अलावा राज्य में दिसंबर 2022 के अलावा कोई बड़ी आपदा या जनहानि नहीं हुई है।
प्रगति मीडिया से सुनील जुयाल की रिपोर्ट
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