सिवनी- डी पी चतुर्वेदी विधि महाविद्यालय(Chaturvedi mahavidyalay) सिवनी एवं एस एस सी शिक्षा महाविद्यालय ड्रीमलैंड सिटी सिवनी में हिन्दी पखवाड़ा दिवस मनाया गया।
डॉ रामकुमार चतुर्वेदी - डी पी चतुर्वेदी विधि महाविद्यालय सिवनी एवं (S.S.C)एस एस सी शिक्षा महाविद्यालय ड्रीमलैंड सिटी सिवनी अलग अलग शनिवार को आयोजित अमृत महोत्सव(Amrit Mahotsav) हिन्दी पखवाड़ा दिवस पर उक्त उद्गार डॉ रामकुमार चतुर्वेदी ने व्यक्त किए उन्होंने कहा कि जापान,(Japan)चीन(Cheen), फ्रांस(France)आदि ऐसे बहुत से विकसित राष्ट्र हैं जिनकी स्वयं की अपनी राष्ट्र भाषा है और वे अपनी भाषा से ही विकसित हैं। जबकि हमारे अपनी स्वयं की राष्ट्र भाषा न होकर स्वतंत्रता में भीख में मिली (English language)अंग्रेजी भाषा का प्रयोग होने से देश विकासशील ही है विकसित नहीं हो पाया। अंग्रेजी कानूनों और संविधान का विधिक स्रोत ब्रिटिश कालीन होने से हमारी प्रगति रुकी हुई है। आवश्यकता है पुराने कानूनों को बदलने की।
प्रो अखिलेश यादव (Akhilesh yadav)ने कहा कि हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी होना चाहिए। श्रीमती अन्नपूर्णा मिश्रा ने कहा धर्म संस्कृति और साहित्य में समाज का विशेष महत्व रहता है और समाज को जब अपनी भाषा(language)में कार्य करने की स्वतंत्रता है तो राष्ट्रीय कार्य में हिन्दी को सर्वोच्च प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही है क्यों हिन्दी राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया जा रहा है।वहीं प्रो अमन चौबे ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की गुलामी बंद होना चाहिए।छात्र छात्राओं ने हिन्दी पखवाड़ा दिवस पर अपने अपने उद्गार व्यक्त किए एवं हिन्दी में हस्ताक्षर(Signature)करने का संकल्प लिया।एस एस सी शिक्षा महाविद्यालय ड्रीमलैंड सिटी सिवनी के प्राध्यापक गण में श्री सुनील रजक, श्री टी सी सनोडिया सुश्री अंकिता निर्मलकर, श्रीमती सीमा सिंगोतिया सुश्री मालती झारिया सुश्री तन्वी शिवहरे ने हिन्दी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही,साथ ही सरकार से हिन्दी को राष्ट्रभाषा करने की मांग की।छात्र छात्राओं ने हिन्दी पखवाड़ा दिवस पर अपने अपने उद्गार व्यक्त किए एवं हिन्दी में हस्ताक्षर करने का संकल्प लिया।
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