राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जयशंकर प्रसाद को साहित्यकारों ने किया याद
---सोन साहित्य संगम के बैनर तले विचार एवं काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन
--- कवि सरोज सिंह के 63 वें जन्मदिन पर दी गई बधाई
सोनभद्र । राबर्ट्सगंज के दी आर्यन अकेडमी का सभागार रविवार को देर तक चले आयोजन की त्रिवेणी से साहित्य का कुंभ बन गया था। सोनांचल के प्रमुख साहित्यिक संस्था सोन साहित्य संगम के बैनर तले संस्था के निदेशक एवं विरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता में प्रथम सत्र में संचालित विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संत कीनाराम पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. गोपाल सिंह ने जहां देश की दोनों विभूतियों के कृतित्व व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला वही विशिष्ट अतिथि उपन्यासकार व असुविधा के संपादक रामनाथ 'शिवेंद्र' और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक एवं किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य डॉ. ओमप्रकाश त्रिपाठी, वाराणसी के अपर आयुक्त (सीजीएसटी) राजेंद्र कुमार द्वारा दोनों राष्ट्र नायकों को याद करते हुए उन्हें शत-शत नमन किया गया । विंध्य संस्कृत शोध समिति ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी और कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेश द्विवेदी आदि ने भी सारगर्भित विचार व्यक्त किये ।
इसके पूर्व अतिथियों द्वारा मां सरस्वती , राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रख्यात साहित्यकार जयशंकर प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ गोष्ठी का शुभारंभ किया गया ।
स्वागत भाषण सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र एडवोकेट ने दिया तो वाणी वंदना कवि सरोज सिंह ने किया । संचालन पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने किया ।
संस्था द्वारा अतिथियों का माल्यार्पण व अंगवस्त्रम के साथ लेखनी और पुस्तिका भेंट कर सम्मान किया गया।
दूसरे सत्र में आयोजित कवि गोष्ठी की अध्यक्षता साहित्यकार पारसनाथ मिश्र ने और संचालन कवि अशोक तिवारी ने किया । इस दौरान ख्याति लब्ध कवयित्री डॉ रचना तिवारी , गीतकार जगदीश पंथी, ईश्वर विरागी,कवि प्रदुम्मन कुमार त्रिपाठी , दिवाकर द्विवेदी 'मेघ विजयगढ़ी', सुशील कुमार 'राही', सुप्रसिद्ध हिंदी ग़ज़ल कार शिवनारायण 'शिव', कौशल्या देवी
सरोज सिंह 'सरोज' , राकेश शरण मिश्र 'गुरु' , हास्य व्यंग के रचनाकार जयराम सोनी, भोजपुरी के कवि दयानंद 'दयालु', मिथिलेश द्विवेदी, समेत कई अन्य कवियों ने एक से बढ़ कर एक कालजयी रचनाएं सुनाई । कवि गोष्ठी में व्यंग , कटाक्ष , दोहा , चौपाई , छंद , नव गीत , मुक्तक , ग़ज़ल ,रुबाई और अतुकांत रचनाओं से साहित्य का ऐसा संगम सृजित हुआ कि श्रोता साहित्य के इस संगम में डुबकी लगाते रहे।
इस दौरान सोन साहित्य संगम के सम्मानित सदस्य कवि सरोज सिंह 'सरोज' के जन्म दिन पर संस्था की ओर से उन्हें अंगवस्त्रम ओढा कर स्मृति चिन्ह और पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया गया और उनके दीर्घ जीवन की कामना की गई। कुल मिलाकर सोन साहित्य संगम के बैनर तले आयोजित विचार व सम्मान समारोह में हुई गोष्ठी यादगार बन गई । सभी साहित्यकारों को कलम डायरी व अंगवस्त्र के साथ माल्यार्पण कर संस्था के संयोजक राकेश शरण मिश्र और कवि सरोज सिंह की ओर से साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर दर्जनों साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।
विमल अग्रवाल, ब्यूरो चीफ प्रगति मिडिया सोनभद्र
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