पखांजुर- कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकाशखण्ड हमेशा से जिला मुख्यालय के अधिकारियों की नजरों से दूर होने की वज़ह से शासन के योजनाओं के पैसों का दुरुपयोग किया जाना यहाँ आम बात रहा जहाँ बेखौफ योजनाओं के पैसों का बंदरबांट कर ग़बन कर लिया जाता है फिर महज़ खानापूर्ति के नाम पर जाँच की प्रक्रिया महज़ एक औपचारिकता रह जाती है?
वैसा ही एक मामला दिखाई दे रहा है जहाँ कोयलीबेड़ा विकाशखण्ड के कई स्कूलों में बारिश की वजह से बच्चे स्कूलों में बैठ कर पढ़ाई नही कर पाते छत टपकता रहता है बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है वही शासन में स्कूलों की जर्जर हालातों को देखते हुए मरम्मत के नाम पर राशि आवंटन किया जिसका उपयोग किन स्कूलों में कितने लागत का आया और काम कहा हुआ आइये जाने,
*प्रा.शा इंदिरा आवासपारा पखांजुर,प्रा शा pv32,प्रा शा जंगड़ा पटेलपारा,प्रा शा कोसेकोडी खेतपारा,प्रा शा मरदा पटेलपारा, प्रा शा आवासपारा,प्रा शा डुटापरा,प्रा शा मिर्चेपारा,प्रा शा मरदा खास,प्रा शा pv101*
*मा.शा pv32,मा शा pv55, मा शा डोंडे, मा शा pv81*
*हाई स्कूल मरोड़ा*
*उ.मा.वि बांदे*
कुल मरम्मत राशि 1259000के कार्य किये जाने थे जिसपर किसी राशि तो आहरण हो गई पर कार्य कहा हुआ ये लोगो मे सवाल बना हुआ है किसी को नही पता यहाँ कार्य कहाँ हुआ पर हैरानी की बात ये है कि पैसों का आहरण कैसे हुआ??
वही संबंधित अधिकारी द्वारा गोलमोल जबाब देते हुए बताया गया कि
बाइट-अर्जुन सरफे (BEO)-का कहना है कि काम एजेंसी ने किया है और पहला क़िस्त दिया गया है,
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