----- डॉ. अंबेडकर की सोच ने बदल दी भारत की दबी-कुचली जनता की किस्मत: कटारुचक
-----डॉ. अम्बेडकर के प्रयासों से भारतीय महिलाओं को समानता का अधिकार मिला
-------डॉ. भीम राव अंबेडकर के पूर्व निर्वाण दिवस पर कटारुचक में श्रद्धांजलि अर्पित की गयी
पठानकोट, 6 दिसंबर ( ) पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने आज नौ भाषाओं के विद्वान, 64 विषयों के विशेषज्ञ और 21 विषयों में डिग्री धारक डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आज यहां भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के पूर्व निर्वाण दिवस की अध्यक्षता करते हुए कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा कि बाबा साहब ने भारत के मूलनिवासी बहुजनों को हजारों वर्षों की जाति आधारित गुलामी से मुक्ति दिलाई. उनका पूरा जीवन संघर्ष में बीता। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, बाबासाहेब ने 9 भाषाओं में महारत हासिल की, 64 विषयों में विशेषज्ञ बने और 21 विषयों में विभिन्न संस्थानों से डिग्री प्राप्त की।
कटारूचक ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के प्रयासों से भारत में श्रमिकों के लिए काम के घंटे 12 से घटाकर 8 किये गये और महिलाओं को समानता का अधिकार मिला, जिसके कारण आज भारत की महिलाएं दुनिया को अपनी बुद्धिमत्ता का लोहा मनवा रही हैं।उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के संबंध में डॉ. अंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तक प्रॉब्लम ऑफ रुपी को ध्यान में रखते हुए ब्रिटिश सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना की थी और देश की आजादी के बाद इसके माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया। देश की संविधान सभा.उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर के प्रयासों से भारत के दबे-कुचले लोगों का भाग्य बदल गया, जिसके कारण आज ये लोग पढ़-लिखकर आगे बढ़ रहे हैं।उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे बाबा साहब के जीवन से मार्गदर्शन लेकर अधिक से अधिक किताबी ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करें।
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