पहाड़ों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए पंपिंग योजनाऐं होंगी कारगर सिद्ध। मुलायम सिंह रावत
थौलधार।।टिहरी गढ़वाल के थौलधार ब्लॉक में कागुंडा़ पंपिंग योजना बुझा सकती है सैकड़ों गांवों की प्यास।
पहाड़ों में पेयजल की समस्या हमेशा बनी रहती है जिसकी वजह से ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
यह कहावत काफी प्रचलित है कि पहाड़ों का पानी पहाड़ों के काम नही आता लेकिन पंपिंग योजनाऐं धरातल पर उतरे तो सैकड़ों गांवों की पेयजल की समस्याओं का समाधान हो सकता है।
थौलधार ब्लॉक के पट्टी गुसाईं क्षेत्र में कागुंडा़ पंपिंग योजना के निर्माण को लेकर 11 जून 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कागुंडा़ पंपिंग योजना की घोषणा भी की थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले वर्ष कांगुड़ा नागराजा देवता की डोली भ्रमण के अवसर पर भगवान नागराज का आशीर्वाद लेने हेतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांगुड़ा नागराज मंदिर में पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ विकास योजनाओं का घोषणा की थी जिसमें सबसे प्रमुख घोषणा कांगुड़ा पंपिंग योजना थी।
यह योजना क्षेत्र के समस्त क्षेत्रवासियों के लिए प्रमुख है।
एक साल पुरा हो गया है परंतु इस योजना पर एक बार संबंधित विभाग द्वारा सर्वे किया गया है,अब क्षेत्रीय जनता जानना चाहती है कि इस पंपिंग योजना का कार्य कब शुरू होगा।
स्थानीय निवासी महेश रावत ने कहा कि पिछले दस सालों से क्षेत्रीय जनता भाजपा को राज्य से लेकर केन्द्र तक अपार बहुमत दे रही है,इसके बावजूद भी शासन द्वारा इस योजना पर कोई अम्ल नही किया जा रहा है।
स्थानीय निवासी जगबीर सिंह रावत ने बताया कि कागुंडा़ पंपिंग योजना अगर तैयार हो जाती है तो क्षेत्र वासियों को पानी की किल्लत से निजात मिल जाती।
उन्होंने कहा कि गर्मीयों के सीजन में स्थानीय लोगों को एक हैंडपंप के भरोसे पानी भरने के लिए जाना पड़ता है जिसके कारण लोगों के बीच में आपसी झगड़े भी होते रहते हैं।
कागुंडा़ पंपिंग योजना की मांग मुख्यमंत्री के जनसमपर्क अधिकारी मुलायम सिंह रावत के क्षेत्र की है।
मुलायम सिंह रावत ने कहा कि स्थानीय लोगों की पानी की समस्या का समाधान शीघ्र करने कोशिश की जायेगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जल संस्थान टिहरी गढ़वाल द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में रोस्टर के अनुसार पानी के टैंकर द्वारा पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
थौलधार ब्लॉक के पत्रकार सुनील जुयाल ने बताया कि पहाड़ों में जंगलों में आग लगने से पुराने पानी के स्रोतों को भी नुकसान पहुंचता है जिस वजह से आने वाले भविष्य में हमे वैकल्पिक पेयजल स्रोतों को तलाश करना होगा ताकि भविष्य में पानी का संकट न रहे।
सुनील जुयाल ने बताया कि यदि भरपूर पानी रहे तो हमारे युवा बागवानी से भी अच्छा स्वरोजगार कर सकते हैं लेकिन पेयजल के अभाव में अभी इस दिशा में युवा कदम नही उठा पा रहे हैं वहीं मछली उत्पादन के लिए गांवों में छोटे छोटे फिश पाउंड बनाकर भी युवा स्वरोजगार से जुड़ सकते हैं लेकिन सबसे पहली प्राथमिकता भरपूर पानी की आवश्यकता होगी।
पत्रकार सुनील जुयाल ने बताया कि हमारे चैनल द्वारा भी समय समय पर क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण पर आने वाले अधिकारीयों से क्षेत्रीय विकास योजनाओं की जानकारी लेने का प्रयास किया जाता है।
सुनील जुयाल ने बताया कि गर्मियों में बाहरी प्रदेशों से छुट्टियों में आने वाले ग्रामीण पूरे एक महीने तक गांवों में बच्चों के साथ रुकना चाहते हैं पर पानी के अभाव से वो दो चार दिन बाद ही वापस लौटने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि इस पंपिंग पेयजल योजना से न सिर्फ न्याय पंचायत के दर्जनों गांव जुड़ सकेंगे बल्कि सरोट न्याय पंचायत क्षेत्र तक इसके माध्यम से पेयजल की आपूर्ति हो सकती है।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमलाल जुयाल एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि वो इस योजना के लिए तब तक प्रयासरत रहेंगे जब तक यह धरातल पर नहीं उतरती है।
प्रगति मीडिया उत्तराखंड से सुनील जुयाल की रिपोर्ट।
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