भारतीय वीरांगनाओं को सादर नमन है-प्रतिभा देवी
-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हुआ सम्मान, गोष्टी का आयोजन।
-महिला शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्राचार्य, अमेरिकन वैज्ञानिक एवं छात्रा सम्मानित।
-आदिकाल से आधुनिक काल तक भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में आपकी पैठ बनाए हुए हैं।
सोनभद्र-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जनपद मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज के जल निगम रोड पर स्थित "सिंह विला" में विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट द्वारा द्वारा नारी सम्मान एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, आदिवासी लोक कला केंद्र की सचिव, साहित्यकार प्रतिभा देवी ने विंध्य कन्या पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ अंजलि विक्रम सिंह, उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद की निवासिनी, ज्योतिष विज्ञान में रुचि रखने वाली अमेरिका के बोस्टर्न मेडिकल रिसर्च सेंटर में कैंसर रोग के निदान पर आयुर्वेदिक पद्धति के माध्यम शोध करने वाली असिस्टेंट डायरेक्टर बायोलॉजी डॉ अजीता सिंह (भारतीय मूल) एवं अमेरिका के बोस्टर्न कॉलेज में अध्ययन कर रही मैथ में विशेष रुचि रखने वाली (भारतीय मूल) की कुमारी तृषा सिन्हा को अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, इतिहासकार दीपक कुमार केसरवानी द्वारा लिखित एवं केंद्रीय हिंदी निदेशालय भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित भारतीय संस्कृति में सूर्योउपासना कृति प्रदान कर सम्मानित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विंध्य कन्या पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ अंजलि विक्रम सिंह ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-" मातृशक्ति सदैव से बंदनीय रही है, अपाला, घोषा, तिलोतमा, विद्योतमा, गार्गी, मैत्रैयी, सुशीला, सावित्री आदि प्राचीन कालीन विदुषी महिलाओं ने अनेको वेद मंत्रों की रचना, गुरुकुल का संचालन, वैदिक शिक्षा प्रदान किया करती थी। शास्त्रार्थ के माध्यम से अपनी विद्वत़ा का लोहा मनवाने वाली विदुषी महिलाओं ने भारतीय शिक्षा, कला, संस्कृति को नवीन आयाम दिया। मध्यकाल में देश में महिलाओं उत्थान के मध्य रुकावट आई और तमाम बाधाए उत्पन्न हुई लेकिन वर्तमान समय में इनके विकास का रास्ता खुला हुआ है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि साहित्यकार प्रतिभा देवी ने महिलाओं के शिक्षा एवं अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली ज्योतिबा फुले, अहिल्याबाई होलकर, पन्नाधाय, रानी पद्मिनी,महारानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई आदि विदुषी वीर, महिलाओं का बखान करते हुए कहा कि स्वयं की अस्मिता,देश की रक्षा के लिए विदेशी शासको से युद्ध करते हुए अपने प्राण निछावर करने वीरांगनाओं को आज के दिन सादर नमन है।
पराधीन भारत मे महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने महात्मा गांधी के आवाहन पर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया, आजादी के बाद आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने दीर्घकाल तक भारत की प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पद को सुशोभित किया, भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू आदि स्त्रियां राजनीति के क्षेत्र में अपनी पैठ बनाए हुए हैं। आज वर्तमान समय में महिलाओं के उत्थान के सामने का बैरियर हटा है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय से शोध कर चुकी भारतीय मूल की अमेरिका में कैंसररोधी दवाओ पर शोध कार्य कर रही डॉक्टर अजीता सिंह ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-"हमारे देश की स्त्रियां अपने विद्वता के माध्यम से यमराज से भी अपने पति के प्राण को लौटने वाली सावित्री का नाम अग्रणी है। हमारे देश में नवरात्रि, मातृ नवमी, आदि का पर्व, अनुष्ठान के साथ मनाया जाता है। मातृशक्ति की पूजा हमारे भारतीय संस्कृति का प्रतीक रही है, हमारे वेदों में कहा गया है कि जहां नारियों की पूजा होती है वहीं देवता निवास करते हैं, देवताओं के नाम के आगे देवियों का नाम जुड़ना ही मातृशक्ति के शक्तिशाली होने का द्योतक हैं। जैसे सीताराम, राधेश्याम, उमा महेश्वर आदि उदाहरण है।
अमेरिका के बोस्टर्न स्कूल में अध्ययन करने वाली छात्रा तृषा सिन्हा ने कहा कि- महिलाएं जो ठान लेती हैं उसे अवश्य पूरा करती है इसका उदाहरण हमारे देश की महान महिलाएं हैं।
डिग्री कॉलेज में अध्ययन कर रही कु०शैलजा, कु०कृष्णा ने कहा कि-" महिलाओं को अपने विकास के लिए स्वयं आगे आना चाहिए तभी भारतीय समाज का विकास होगा।"
विंध्य कन्या पीजी कॉलेज के प्रबंधक डॉ अजय प्रताप सिंह ने कहा कि-"आज शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, तकनीक, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, खेल, सिविल सर्विस आदि क्षेत्रों में महिलाओं का जलवा कायम है। भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां का नाम मातृशक्ति भारत माता पर आधारित है।
कार्यक्रम के आयोजक ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसवानी ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उपस्थित विशिष्ट महिलाजनों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बधाई दिया।
कार्यक्रम में स्थानीय नागरिक, महिलाएं, पत्रकार, शिक्षक उपस्थित रहे।
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