होटल कमांद रेजीडेंसी में मुख्य साहयक निर्वाचन अधिकारी श्री मस्तू दास जी के लिए सम्मान समारोह आयोजित।
कण्डीसौड़/कमांद।। थौलधार के लाल उत्तराखण्ड के सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तूदास को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा विशेष अवार्ड से सम्मानित किए जाने के बाद गृह क्षेत्र कमान्द में नागरिक अभिनन्दन एवं सम्मान किया गया।
थौलधार विकास खण्ड के कमान्द क्षेत्र के नेरी गाँव के मूल निवासी मस्तूदास वर्तमान में उत्तराखण्ड के सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर आसीन हैं। उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों में ईवीएम मशीनों व वीवीपैट के लिए विशेष बैग पैक का सफल अभिनव प्रयोग करने पर 13वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर 25 जनवरी 2023 को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा स्पेशल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
गृह क्षेत्र में वह अपने सरल ब्यवहार के लिए प्रसिद्ध हैं।अपने ब्यस्त सेवा कार्य के बीच कमान्द पहुंचने पर समारोह पूर्वक क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्रीमती प्रभा बिष्ट,नवज्योति जन कल्याण समिति एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जनता ने मस्तूदास का शाॅल ओढाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर नागरिक अभिनन्दन एवं सम्मान किया।
ब्लाक प्रमुख श्रीमती प्रभा बिष्ट ने कहा कि जिन परिस्थितियों में मस्तूदास ने यह मुकाम हासिल किया है और छात्र जीवन से आज तक जिस तरह उनका ब्यवहार है वह प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है। वह हमारे लिए भी गर्व का विषय है।
विशिष्ट अतिथि डाॅ रंजिता जुयाल ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे निर्वाचन अधिकारी सर ने अपने जीवन में कई संघर्ष किए हैं।ऐसे ही मेंने भी अपने जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्यायों का सामना करके आज पी एच डी हासिल की है, एवं कई संस्थानों में सर्विस करने का मौका भी मिला है परंतु मैने स्वयं का शिक्षण संस्थान चलाकर रोजगार का साधन अपनाया है।
उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी लोगों से निवेदन किया कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए प्रेरित करें और शोशल मिडिया का सही प्रयोग करने का निवेदन किया।
विशिष्ट अतिथि कुलदीप बिष्ट ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के लिए कई अवसर मिलते हैं, लेकिन उन अवसरों से हम लोगों को रोजगार प्राप्त करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम मसरूम की ट्रेनिंग देते है, जिससे लोगों की मसरुम बनाकर आजीविका चलती रहे।
विशिष्ट अतिथि प्रवीन लेखवार ने अपने संबोधन में कहा कि श्रीमान मस्तू दास जी के जीवन परिचय से हमें बहुत कुछ सिखने की जरूरत है।
उन्होंने अपने जीवन के कई संघर्षों पर प्रकाश डाला है।
कार्यक्रम में अनेक वक्ताओं ने अपने अपने बिचार रखें।
साहयक निर्वाचन अधिकारी श्री मस्तू दास जी ने अपने गृहक्षेत्र की जनता द्वारा सह्रदय नागरिक अभिनन्दन और सम्मान किए जाने से अभिभूत मस्तूदास भावुक नजर आए।
उन्होंने अपने जीवन की संघर्ष कहानी विस्तार से बताते हुए कहा कि पांचवी तक की शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय नेरी से कक्षा 6 से 12वीं तक रा इ का कमान्द से वर्ष 1989 में विज्ञान वर्ग से इण्टर किया।
1989 से 1990 तक गांव में तथा डांडा में खेती का काम करने के साथ ही ज्वारना मे टेलरिंग की दुकान भी चलाई।
वर्ष 1987 मे पिताजी के स्वर्गवास के पश्चात जब 11वीं में था तो 1988 में घर में माता जी तथा अन्य वुजुरूगो के दबाव के कारण मेरी शादी भी हो गई थी,परन्तु पढ़ाई निरन्तर जारी रखी।
उन्होंने कहा कि जब मेरी शादी हुई तब गांव मे रहने के लिए अपना घर भी नहीं था (लुकारा ओबरा) किसी और के घर में रहकर किसी तरह संघर्ष किया।
उन्होंने कहा कि सिलाई का काम भी जब मै 8वीं में पढता था तब से थोड़ा-बहुत करता था परन्तु 12वीं तक पहुंचते काफी अच्छा करने लगा था।इसी लिए ज्वरना मे दुकान खोली।
वर्ष 1990 मे अपने जीजाजी के साथ चमियाला गया वह वन विभाग मे थे तो मै दैनिक वेतन पर ₹450-00 प्रतिमाह पर वन विभाग मे लीसा चौकीदार मे लग गया। चमियाला में दिन में टेलरिंग की दुकान में काम करने के साथ साथ हिन्दी टाइपिंग भी सीखता था और रात को लीसा डिपो चला जाता था,लीसा डिपो खुले मे था और उसके पास जल संस्थान की बिल्डिंग थी उसकी खिड़की मे बाहर जो सनसेट बना था रात को उसी पर सोता था। डर भी लगता था किन्तु मजबूरी थी और मन मे कुछ करने का जज्बा था।
वर्ष 1991 मे वन विभाग में पतरौल (फाॅरेस्टगार्ड) की भर्ती हुई जिसमें 16 लड़को में मै लिखित, फिजिकल एवं साक्षात्कार मे सबसे अब्बल था किन्तु जब नियुक्ति होई तो चौथे नम्बर वाले की हुई क्योंकि वह DFO के घर पर काम करता था।
उन्होंने कहा कि इस घटना से मै बहुत टूटा और प्रण किया अब मै वन विभाग मे नहीं रहूंगा कुछ और अच्छा करूगां। इस सदमे से मै दो-तीन महीना बीमार भी रहा। फिर मै रात दिन सिलाई की दुकान मे भी बहुत मेहनत करने लगा एक दिन मे मैने 5-5 पैंट सिली, घर का काम भी बहुत होता था और साथ साथ टाइपिंग पर भी फोकस करने लगा और फिर सामान्य ज्ञान आदि।इस दौरान मैं अधिकतम 4-5 घंटे ही सोता था परन्तु एकदम वन विभाग भी नहीं छोड़ा अपनी तैयारी भी कर्ता रहा। फिर 1991 के अंत मे ही सेवायोजन कार्यालय मे टाइपिंग टेस्ट देकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। संयोग वश 1992 मे सेवायोजन कार्यालय से निर्वाचन विभाग मे इण्टरव्यू के लिए काललेटर आया।
1992 में मैने निर्वाचन में इण्टरव्यू दिया जिससे 1 पद के लिए रिजर्वेशन से हम 5 लड़के थे मै अकेला विज्ञान वर्ग से था किन्तु दो लड़के बहुत बड़ी सिफारिश वाले भी थे। मेरा इन्टरव्यू के साथ साथ टाइपिंग टेस्ट भी सबसे अच्छा था।परन्तु एक लड़के की बड़ी सिफारिश के कारण रिजल्ट लगभग एक साल तक नहीं निकला मै एक बार फिर निराश हो गया था। परन्तु अंततोगत्वा जून 1993 मे रिजल्ट आ गया और आप सबके आशीर्वाद से मेरा चयन हो गया और मैने 9-6-1993 को जिला निर्वाचन कार्यालय मे कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। पहली बार 1994 के विधान सभा चुनाव मे मैने निर्वाचन ड्यूटी मे लगे कर्मचारियो को चुनाव की ट्रेनिंग दी।जब तक नयी टिहरी रहा मै अपने तथा परिवार के कपड़े भी खुद ही सिलता था चाहे कैसा भी फैशन क्यों न हो। जब मुझे नौकरी स्थिरता लगने लगी तो मैने 96 मे राजनीतिक शास्त्र से प्राइवेट स्नातक (बीए) किया । विभागीय काम अधिक व्यस्तता के कारण मै एमए नहीं कर सका जिसका मुझे बहुत मलाल है।
उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद परम आदरणीय श्रीमती राधा रतूड़ी जी के सानिध्य मे 2002 विधान सभा चुनाव टिहरी में करवाया और मैडम तब से मेरे काम से संभवतः प्रभावित हुई।श्रीमती रतूड़ी जी के पास नवम्बर 2007 मे सचिव निर्वाचन का चार्ज आया और 21 जनवरी 2008 को उन्होंने निर्वाचन विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई जिसमे मै भी था। मैडम ने उसी दिन भरी बैठक मे सबके सामने मुझे आदेश दिया कि तुम्हें मै यहां शासन मे लाना चाहती हूं तो मैने विनम्रतापूर्वक यही अनुरोध किया कि जैसा आपका आदेश हो।फिर मैने 29 जनवरी 2008 को सचिवालय मे निर्वाचन अनुभाग मे बतौर प्रभारी अनुभाग अधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण किया।
उन्होंने कहा कि शासन मे आने पर मेरी जिम्मेदारियां और अधिक बढने के साथ ही पग-पग पर मैडम के विश्वास पर खरा उतना और विश्वास कायम रखना मेरे लिए और चुनौतीपूर्ण हो गया था।फिर मै और अधिक मेहनत करने लगा सच्चाई यह है कि शुरू के कम से कम चार वर्ष तक मै 4-5 घण्टे ही सो पाता था।निरन्तर मेहनत और संघर्ष तथा मैडम के आशीर्वाद से आज राज्यस्तरीय क्लासवन आफिसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मेरे संघर्षमयी जीवन की नैया को पार लगाने मे मेरे गांव का मेरे क्षेत्र के सभी लोगो का बहुत बड़ा सहयोग और आशीर्वाद है मुझे जरूरत पड़ने पर सबने बहुत सहयोग किया जो मेरे लिए आज भी स्मरणीय है । मुझे मेरे गांव के और क्षेत्र के लोगो का इतना प्यार और आशीर्वाद प्राप्त हुआ कि मुझे कभी भी सामाजिक वाधाओं का कोई एहसास नहीं हुआ। परमात्मा ने भी शायद मुझे मेहनत, लगन, निष्ठा और विनम्रता का बहुत बड़ा वरदान दिया कि मैरे पग हमेशा जमीन पर टिके रहे और परमात्मा से विनती करता हूं कि मेरी अंतिम सांस तक प्रभु इसे बनाए रखे।
सम्मान समारोह कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्य सहायक निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास जी ने नव जन कल्याण समिति एवं आयोजन कर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र रागंड़, एवं दिनेश कुमार ने किया।
कार्यक्रम के संयोजक राजेन्द्र सिंह रागंड़, निर्मल राणा, परशुराम डोभाल एवं समस्त क्षेत्रिय जनप्रतिनिधी व सामाजिक कार्यकर्ता एवं क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
इस सम्मान समारोह में श्री मस्तू दास जी की धर्म पत्नी श्रीमती कैलाशी देवी जी व समस्त इष्ट मित्र गण मौजूद रहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक राजेन्द्र रांगड़़,पी एन सकलानी, पवन रावत,परशुराम डोभाल,शम्भू प्रसाद सकलानी,गम्भीर सिंह जड़धारी, गम्भीर सिंह सेनवाल, प्रकाश बिष्ट,विजय सिंह बिष्ट,राकेश सिलस्वाल,विजय शंकर,मोहन डोभाल, प्रेम सिंह महर, प्रेम सिंह रावत, नत्थीलाल,सुरेन्द्र सिंह जड़धारी, दिनेश सकलानी,कुंवर सिंह,सुनील सकलानी,दिनेश थपलियाल, बुद्धि सिंह बिष्ट, सोहनलाल थपलियाल,विनोद राणा, बिरेंद्र सिंह,अनुज भारती,विमल, जितेन्द्र सिंह, हामिद,अंशारी,विजय,राजेंद्र,सोबत सिंह, कुलदीप कठैत, संजय लाल,बबीता महर,मालती देवी,अतोला देवी एवं अन्य क्षेत्रिय जनप्रतिनिधी व सामाजिक कार्यकर्ता, मात्र शक्ति एवं आम जनमानस मौजूद रहे।
प्रगति मिडिया से सुनील जुयाल की रिपोर्ट।।
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