देहरादून।।उत्तराखण्ड में रविवार, 10 सितंबर को राजधानी देहरादून में एक और क्षेत्रीय पार्टी का गठन किया गया है। इस पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी,रखा गया है।
इस पार्टी के अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल पिछले काफी समय से उत्तराखंड क्रांति दल यानी यूकेडी से जुड़े रहे। शिव प्रसाद सेमवाल यूकेडी के पूर्व केंद्रीय प्रवक्ता थे। आज नई पार्टी गठन के दौरान कई यूकेडी के नेता राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी में शामिल हो गए हैं।
आज अपनी नई पार्टी राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी लॉन्च करते समय अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल ने आने वाले नगर निकाय चुनाव लड़ने का एलान किया है।
सेमवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में भी अपनी पार्टी मुख्य भूमिका निभाएगी।
उन्होंने बताया कि अगले साल लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश की सभी पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेंगे,हालांकि अभी राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने अपना एजेंडा नहीं बताया है।
अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि आने वाले दिनों में सभी 13 जिलों में जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के साथ कार्यकारिणी का गठित की जाएगी।
बता दें कि उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के अलावा कोई भी रीजनल पार्टी सत्ता के करीब नहीं पहुंच सकी है।
अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल के लिए अपनी नई पार्टी आगे ले जाने में बड़ी चुनौती भी होगी।
उन्होंने कहा कि पहले उत्तराखंड में कई क्षेत्रीय पार्टियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
साल 2021 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन इसका एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया,चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई जनसभाएं की और बड़े-बड़े वादे किए इसके बाद भी जनता ने उन्हें नकार दिया था।
उत्तराखंड को बने पिछले दो दशक से ज्यादा का समय हो चुके हैं,लेकिन सत्ता पर इन दोनों राष्ट्रीय पार्टियां बारी-बारी से काबिज होती रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के क्षेत्रीय सरोकारों की राजनीति करने वाली क्षेत्रीय पार्टियां सियासी परवान नहीं चढ़ सकीं,उत्तराखंड के लिए आंदोलन की अगुवाई करने वाली उत्तराखंड क्रांति दल से बहुत उम्मीदें थीं,लेकिन वो सत्ता की दहलीज तक भी नहीं पहुंच सकी हैं।ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि उत्तराखंड में क्षेत्रीय दलों का जादू चल नहीं पता है।
इसकी वजह यह है कि उत्तराखंड में पिछले 23 वर्षों में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रहीं हैं।
आपको जानकारी दे दें कि उत्तराखंड में कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. डीडी पंत ने 26 जुलाई 1979 को जब उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की स्थापना की थी।
इसके बाद से वो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के जन सरोकारों के लिए अलग राज्य की लड़ाई के लिए आंदोलन किया।
उत्तराखंड बनने के लिए लंबा संघर्ष रहा है,जिसका नतीजा साल 2000 में अटल सरकार में पूरा हुआ।
यूपी से 13 पहाड़ी जिलों को काटकर उत्तराखंड बना। उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष डॉ.डीडी पंत ने डीडीहाट विधानसभा सीट से 1985 से 1996 तक तीन बार विधायक चुने गए।इसके बाद उत्तराखंड राज्य गठन के बाद 2002 में फिर विधानसभा पहुंचे और उनकी पार्टी के कुल चार विधायक जीतकर आए थे। इसके बाद से उत्तराखंड क्रांति दल का सियासी ग्राफ गिरना शुरू हुआ तो फिर दोबारा से नहीं ऊपर आ सका।
2017 और 2021 विधानसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका।
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के दबदबे और उत्तराखंड क्रांति दल की आपसी लड़ाई के चलते राज्य में उत्तराखंड रक्षा मोर्चा का उदय हुआ।
इसके अलावा उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी,उत्तराखंड जनवादी पार्टी ने चुनाव में भाग्य अजमाया।
उत्तराखंड क्रांति दल के विकल्प के रूप में अपने आपको स्थापित करने के लिए उत्तराखंड रक्षा मोर्चा ने भी चुनाव में ताल भी ठोकी।इसके बाद भी दोनों ही पार्टियों को जनता ने दरकिनार कर दिया।
उत्तराखंड क्रांति के शीर्ष नेता पूर्व सांसद टीपीएस ने पार्टी को आम आदमी पार्टी में विलय कर दिया को पार्टी दो हिस्सों में बंट गई।
अब देखना होगा यह नई राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी अपने आप को कितना आगे तक ले जा पाती है।
इससे पहले सभी कार्यकर्ताओं ने कचहरी रोड स्थित शहीद स्थल जाकर पुष्प अर्पित किये और स्व. गोविंद बल्लभ पंत की पुण्य तिथि पर भी श्रद्धासुमन चढाए।
इन्होंने ली सदस्यता
पार्टी के नाम घोषणा के साथ दर्जनों कार्यकर्ता पार्टी मे शामिल हुए। इनमे से राजेंद्र पन्त, सुलोचना ईष्टवाल,मनोरमा चमोली, शशि दत्ता, उषा मोलासि, मंजु रावत, कलावती नेगी, श्रुति गुप्ता, चिरंजि लाल सेमवाल, आशीष उनियाल, अर्जुन भंडारी, मदोप सिंह पवार, सुमित सिंधवाल, मोहन गुसाईं,राजेंद्र प्रसाद भट्ट, राजेंद्र गुसाईं, विनोद कोठियाल, शैलेंद्र सिंह गुसाईं, गोविंद सिंह अधिकारी, संजय कुमार, जीवानंद भट्ट, बिना नेगी ,पदमा रौतेला, सुमित थपलियाल, अमित कुकरेती, सुरेंद्र सिंह चौहान, शिव सिंह, राधेश्याम, दिव्या चौहान, रंजना, यशोदा रावत, बेबी देवी, रूप सिंह रावत, आनंद सिंह रावत, गजेंद्र मोहन नेगी, दलवीर चंद्र रमोला, जयदेव उनियाल, मयंक वर्मा, मीना थपलियाल, रचना थपलियाल, जगदंबा बिष्ट, प्रियंका , राकेश जोशी, सौरभ चौहान, विपिन सोलंकी, ब्रह्मा शंकर, गुलशन कुमार, चंद्रभान, राकेश पांडे ,आयुष वालिया, अवधेश वालिया, कृष् शर्मा, सतीश प्रसाद धस्माना, उमेश चंद्र, प्रमोद डोभाल, कृष्ण मोहन ,गौतम राणा, प्रवीण कुमार, अंकुश, आयुष, अभय चौहान, ऋषभ ,वैभव अग्रवाल ,योगेश सिंह आदि मुख्य रूप से शामिल थे।
प्रगति मिडिया से सुनील जुयाल की रिपोर्ट।।
COMMENTS