नई टिहरी।।आखिरकार पहाड़ों पलायन की पीड़ा पर आधारित गढ़वाली फिल्म 'मेरु गौं'नगर पालिका के त्रिहरि सिनेमा हॉल में प्रदर्शित की गई।
फिल्म में रोजगार के अभाव में पहाड़ों से हो रहे पलायन को देखकर दर्शक भाव विभोर हुए।पहले दिन फिल्म हाउस फुल रही।
शनिवार को बौराड़ी के त्रिहरि सिनेमा हॉल में टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने रिबन काटकर गढ़वाली फिल्म मेरु गौं का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में गढ़वाली फिल्में बनाना बड़ी चुनौती है। फिल्म के बनाने में आने वाला खर्च और उपयोग होने वाले संसाधन निर्माताओं को भारी पड़ता है। कहा कि गढ़वाली फिल्मों को प्रोत्साहन देने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। विधायक ने कहा कि गढ़वाली फिल्म मेरु गौं पलायन की पीड़ा पर आधारित है।
विधायक ने एक दिन शहर वासियों को इस फिल्म को अपने संसाधनों से दिखाएंगे।
निर्माता निर्देशक राकेश गौड़ ने कहा कि फिल्म में पहाड़ के संस्कृति, रीति-रिजाव से लेकर रोजगार को लिए हो रहे पलायन को दिखाया गया है।साथ ही पलायन रोकने के लिए होने वाले प्रयासों का भी फिल्मांकन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक उत्तराखंडी को यह फिल्म देखकर शासन-प्रशासन को पलायन रोकने के लिए अपने सुझाव देने चाहिए।
इस मौके पर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष उमेश चरण गुसाईं, लोक गायक पदम गुसाईं, युवराज सिंह चौहान, डीसीडीएफ के अध्यक्ष अनुसूया नौटियाल, सभासद सतीश चमोली, अनुज जोशी, सुरेश तोपवाल, अंकित गुप्ता, दीपक चमोली, राजवीर मौजूद रहे।
टिहरी डीएम के आश्वासन पर भल्ड़गांव के ग्रामीणों ने जल समाधि लेने का निर्णय स्थगित कर दिया है. ग्रामीणों ने प्रशासन को दो दिन का समय दिया है
टिहरी।। उत्तरकाशी और टिहरी जिले की सीमा पर बसा भल्ड गांव के ग्रामीणों ने जल समाधि लेने का फैसला 2 दिन के लिए स्थगित कर दिया।
1 अगस्त को डीएम और ग्रामीणों की बैठक में मामले पर चर्चा की जाएगी।
टिहरी डीएम मयूर दीक्षित व पुनर्वास निदेशक मयूर दीक्षित के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जल समाधि लेने का फैसला फिलहाल 2 दिन के लिए टाल दिया है। ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को मंगलवार 1 अगस्त तक का समय दिया है।उसके बाद बुधवार को 2 अगस्त को जल समाधि लेने की चेतावनी भी दी है। भल्ड गांव के ग्रामीण पुनर्वास की मांग को लेकर पिछले 9 दिन से ठीक झील के किनारे धरने पर बैठे हैं।ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने पर 30 अगस्त तक जल समाधि लेने का फैसला लिया था।
आज 30 जुलाई को जिलाधिकारी एवं पुनर्वास निदेशक मयुर दिक्षित ने डुंडा एसडीएम मिनाक्षी पटवाल पुनर्वास से अधिशासी अभियंता धिरेन्द्र सिंह नेगी एवं शक्ति चमोली को मौके पर भेजा एवं ग्रामीणों को जल समाधि लेने से रोका।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के आश्वासन पर जल समाधि लेने का फैसला दो दिन के लिए रोक दिया है।
प्रगति मिडिया से सुनील जुयाल की रिपोर्ट।।
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