जबलपुर से 890 मेट्रिक टन यूरिया गायब होने का मामला
सिवनी जिले का भी 100 मेट्रिक टन गायब हुआ यूरिया
सीएम की फटकार के बाद तीन लोगों पर नामजद एफ आईआरदर्ज
गायब 890 मैट्रिक टन में से 130 मेट्रिक टन यूरिया बरामद
सिवनी - जबलपुर सहित दमोह, डिंडौरी, मंडला और सिवनी के डबल लाक केंद्रों के यूरिया की हेराफेरी के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद लार्डगंज थाने में एफआइआर करा दी गई। बता दे कि सिवनी जिले को भी 100 मेट्रिक टन यूरिया आवंटित हुआ था जो अब तक जिले की डबल लॉक गोदामों तक नहीं पहुंच पाया हैं। इस सिलसिले में तीन लोगों के विरुद्ध नामजद शिकायत दर्ज कराई गई हैं।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर से 890 मेट्रिक टन यूरिया जबलपुर सहित दमोह, डिंडौरी, मंडला और सिवनी जिलों के डबल लॉक सेंटर के लिए रवाना किया गया था। लेकिन यूरिया उन जिलो तक नहीं पहुंच पाया था। सीएम की फटकार और ऊपर से आए दबाव के बाद स्थानीय अफसरोंं ने कार्रवाई में तेजी दिखाते हुए दो ठिकानों से करीब 130 मैट्रिक टन यूरिया की बरामदगी कर ली। बता दें कि 25 अगस्त को जबलपुर की रेलवे साइडिंग में रैक से उतरा 890 मेट्रिक टन यूरिया जबलपुर सहित दमोह, डिंडौरी, मंडला और सिवनी जिलों के डबल लॉक सेंटर के लिए रवाना किया गया था। लेकिन वो संबंधित डबल लाक केंद्रों तक नहीं पहुंच पाया था। इसके बाद मीडिया में खबरें आने और मुख्यमंत्री की फटकार के बाद अफसरों ने मामले में संज्ञान लिया था।
## सिवनी और छपारा के निजी गोदामों और वेयर हाउसों की होना चाहिए जांच ##
बता दें कि सिवनी जिले के छपारा नगर में भी यूरिया की कालाबाजारी और जमाखोरी निजी विक्रेताओं के द्वारा पिछले कई वर्षों से जमकर की जा रही हैं। यही नहीं यूरिया की कमी बताकर निजी विक्रेताओं के द्वारा किसानों को अनाप-शनाप दामों पर बेचने का सिलसिला कृषि विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में फल फूल रहा हैं। जबलपुर से गायब हुए 890 मेट्रिक टन यूरिया के मामले में अगर सिवनी और छपारा के निजी गोदामों सहित वेयर हाउसों की जांच की जाए तो बड़े पैमाने पर यूरिया की कालाबाजारी और जमाखोरी के मामले भी सामने आ सकते हैं।
## इन पर हुई एफआईआर ##
जिला विपणन अधिकारी रोहित सिंह बघेल की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर में कृषक भारती को-आपरेटिव लिमिटेड के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, ट्रांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर द्वारिका गुप्ता, रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह एवं अन्य के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा तीन, सात एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 34 एवं 120-बी के तहत प्रकरण कायम किया गया है।
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