गीता में है प्रशासनिक समस्याओं के समाधान का सूत्र
राबर्ट्सगंज 17 जून 2022/गीता में प्रशासन की कला और समस्याओं के समाधान का सूत्र निहित है ।गीता में स्पष्ट कहा गया है कि मन ही हमारा सबसे बड़ा शत्रु और मित्र दोनों है ।जीवन में मानवीय मूल्यों के अवमूल्यन के कारण मन में नकारात्मक चिंतन उत्पन्न होने से हमारा मन दुखों की उत्पत्ति का कारण बन जाता है। सकारात्मक चिंतन से मन तनाव मुक्त और बुद्धि पारदर्शी होती है। जिससे प्रशासनिक क्षेत्र में उचित समय में यथार्थ निर्णय लेना सहज होता है ।यही प्रशासनिक दक्षता और कला है ।उक्त बातें कर्नाटक से आई गीता की तनाव प्रबंधन विशेषज्ञ ब्रम्हाकुमारी बीना बहन ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में प्रशासनिक अधिकारियों को योग और प्रबंधन पर व्याख्यान देते हुए कहा ।बी के वीणा बहन विगत 44 वर्षों से अपने जीवन को मानवता के कल्याण के लिए समर्पित कर समाज को नई दिशा दे रही हैं ।हाल में ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने हुबली कर्नाटक में एशिया के सबसे बड़े गीता पर संग्रहालय का उद्घाटन किया था। इस संग्रहालय के मार्गदर्शन की बहुत बड़ी भूमिका है ।ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका बी के सुमन ने कहा कि वर्तमान समय तन और मन दोनों को स्वस्थ और कर्म कुशल बनाने के लिए जीवन में राजयोग नियमित रूप से थोड़ा समय निकालकर अभ्यास करना बहुत ही आवश्यक है ।अपर जिलाधिकारी सोनभद्र श्री सहदेव कुमार मिश्र ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासनिक क्षेत्र की चुनौतियों का राजयोग के द्वारा सफलता पूर्वक सामना किया जा सकता है ।उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था का आभार व्यक्त किया ।इस अवसर पर सदर उप जिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह सहित जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन श्री राजीव शुक्ला ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में बीके प्रतिभा बहन बीके सीता बहन ,सरोज बहन ,कविता,दीपशिखा,गोपालभाई, अवधेश भाई, ने सक्रिय योगदान दिया।
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