'खिलखिलाती वेदना' हुई लोकार्पित
अद्भुत एवं सराहनीय गीत संग्रह है खिलखिलाती वेदना:
डॉ अनिल मिश्र
मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी
सोनभद्र। सोनांचल की माटी में पली बढी कवयित्री रेनू द्विवेदी 'प्रणीत' की 'खिलखिलाती वेदना' गीत संग्रह युवा कवियों के लिए प्रेरणा स्रोत होगा। पुस्तक की रचनाकार रेनू दिवेदी ने अपने गीत संग्रह खिलखिलाती वेदना में मानव जीवन की हर वेदना को अपने सुंदर शब्दों में पिरोने का काम किया है जो साहित्य की दृष्टि से अद्भुत और सराहनीय है। यह बातें संयुक्त निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं ख्याति लब्ध साहित्यकार डॉक्टर अनिल मिश्र ने बतौर मुख्य अतिथि सोनभद्र बार एसोसिएशन सभा कक्ष में आयोजित खिलखिलाती वेदना गीत संग्रह के लोकार्पण अवसर पर कही।
उन्होंने अपने 50 मिनट के सारगर्भित साहित्यिक संबोधन में पुस्तक की रचनाकार के शब्द संयोजन और गीतों की आंतरिक मन से बृहद समीक्षा की। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन एवं वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर ने किया।
चारु काव्यांगन संस्था के बैनर तले आयोजित लोकार्पण समारोह के विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद व साहित्यकार पंडित पारसनाथ मिश्र, राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत सेवानिवृत्त शिक्षक व किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य डॉक्टर ओम प्रकाश त्रिपाठी, ख्याति लब्ध्य गीतकार डॉक्टर रचना तिवारी, जगदीश पंथी सोन साहित्य संगम के उपनिदेशक सुशील कुमार राही आदि ने जहां चिलचिलाती धूप और उमस भरी प्रचंड गर्मी में पसीने बहाकर खिलखिलाती वेदना गीत संग्रह लोकार्पण समारोह को भव्यता प्रदान की वही उपन्यासकार रामनाथ शिवेंद्र ने मुख्य वक्ता के हैसियत से पुस्तक की पंक्तियों का उद्धरण देते हुए इसे एक उत्कृष्ट कृति की संज्ञा दी। इसके पूर्व मुख्य अतिथि एवं समारोह के अध्यक्ष द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन किया गया और लोकप्रिय गीतकार डॉक्टर रचना तिवारी द्वारा मां की वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम कि शुभारंभ किया गया।पुस्तक की रचनाकार रेनू द्विवेदी ने सभी मंचस्थ अतिथियों का तहे दिल से स्वागत किया और अपनी रचनाएं सुनाकर लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। इस दौरान चारु काब्यांगन संस्था की ओर से अतिथियों का माल्यार्पण और अंगवस्त्रम ओढ़ाकर अभिवादन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षाविद एवं पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने किया और आभार ज्ञापन सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने प्रस्तुत किया। इस मौके पर प्रख्यात समाजसेवी डॉ बी सिंह, सोनभद्र बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र कुमार शुक्ला, कमलेश ओझा, जनप्रिय गीतकार ईश्वर विरागी, प्रदुम्न कुमार , अशोक कुमार तिवारी, दिवाकर द्विवेदी मेघ, सरोज कुमार सिंह, दीपक कुमार केसरवानी, प्रभात सिंह चंदेल, कमल नयन तिवारी, धर्मेश चौहान, दयानंद दयालु , चंद्रकांत शर्मा, अमरनाथ मिश्र, नागेंद्र मिश्र, सुनील मिश्र, वंशीधर देव पांडेय, कृष्ण कुमार देव पांडेय, पानमती देवी, विनोद कुमार द्विवेदी, आशुतोष पांडेय मुन्ना समेत दर्जनों साहित्यानुरागी मौजूद रहे।
लोकार्पण समारोह में जहाँ बतौर मुख्य अतिथि डॉ अनिल कुमार मिश्र उपस्थित रहे वही समाहरोह की अध्यक्षता वरिष्ठ सहित्यकार अजय शेखर ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में कथाकार रामनाथ शिवेन्द्र ने रेनू द्विवेदी के गीत संग्रह को बेहतरीन बताते हुए जमकर तारीफ की वही मंचासीन विशिष्ट अतिथियों में पारस नाथ मिश्र, ओम प्रकाश तिवारी, जगदीश पंथी,सुशील राही,डा बी सिंह,अधिवक्ता हेमेंद्र मिश्र सोंनभद्र बार के अध्यक्ष महेन्द्र शुक्ल एवम कवियत्री रचना तिवारी ने भी पुस्तक पर अपने अपने विचार रखे। आयोजन का सफल संचालन वरिष्ठ पत्रकार भोला नाथ मिश्र ने किया। एवम आभार ज्ञापन सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि अनिल कुमार मिश्र एवम अध्यक्षता कर रहे अजय शेखर द्वारा माँ वीणा पानी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। तत्पश्चात कवियत्री रचना तिवारी द्वारा सरस्वती वंदना करके आयोजन की विधिवत शुरुआत की गई। इसके बाद कवियत्री रेनू द्विवेदी ,प्रद्युम्न तिवारी,राकेश शरण मिश्र एवम दिवाकर द्विवेदी द्वारा मंचासीन अतिथियों को माल्यार्पण व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि सँयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ एवम परिवार कल्याण वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि रेनू द्विवेदी का यह गीत संग्रह युवा कवियों के लिए प्रेरणास्रोत है। जिस प्रकार इन्होंने अपने गीत संग्रह खिलखिलाती वेदना में देश समाज व मानव जीवन की हर वेदना को अपने शब्दो में पिरोने का काम किया है वो वाकई अद्भुत और सराहनीय है।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि गीत संग्रह खिलखिलाती वेदना पढ कर ये एहसास होता है कि ये एक पूर्ण रूप से परिपक्व रचनाकार की रचनाएं है। मैं इनकी श्रेष्ठ रचनाओं के लिए इन्हें साधुवाद प्रेषित करते हुए इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।
लोकार्पण समाहरोह में मुख्य रूप से कवि ईश्वर बिरागी, सरोज सिंह सरोज,अशोक तिवारी,कमलनयन तिवारी,धर्मेश चौहान,प्रभात सिंह चंदेल, कांग्रेस नेता कमलेश ओझा,अधिवक्ता चंद्रकांत शर्मा,बार के पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र, नागेंद्र मिश्र, सुनील मिश्र,कृष्ण कुमार देव पांडेय,बंशीधर देव पांडेय,आशुतोष देव पांडेय,पान मती देवी पांडेय,अधिवक्ता विनोद कुमार द्विवेदी सहित सैकड़ो साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
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