देवरिया 18 फरवरी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा राजकीय बाल गृह तथा पाथ वात्सल्य खुला आश्रय गृह का औचक निरीक्षण किया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार ने कहा कि बच्चों को उनके समय के अनुसार उचित खान-पान की व्यवस्था की जायें।
उन्होंने राजकीय बाल गृह देवरिया के अधीक्षक श्री यशोदानंद तिवारी को निर्देश दिया कि बच्चों को नियमित व्यायाम कराया जायें जिससे वे नियमित स्वस्थ्य रहें। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्य कान्त धर दूबे ने राजकीय बाल गृह व पाथ वात्सल्य खुला आश्रय गृह देवरिया में रह रहें बच्चों के शिक्षा पर विशेष जोर देते हुये कहा कि बच्चे ही देश के भविष्य हैं इसलिए इन्हें शुरू से ही शिक्षा देने की आवश्यकता हैं। शिक्षा ही एक ऐसा मात्र संसाधन हैं जिसके बल पर यही बच्चे
भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के सचिव न्यायाधीश आरिफ निसामुद्दीन खान ने बच्चों के सोने हेतु विश्रामालय तथा उनके खाद्य सूची का निरीक्षण करते हुये पौष्टिक आहार रखने का निर्देश दिया। बच्चों को साफ-सुथरे कपड़ों व निरंतर फलों के सेवन कराने पर जोर दिया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वर्णमाला सिंह ने कहा कि बच्चों के नियमित स्वास्थ्य की जायें तथा परिसर में निरंतर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाये। इस दौरान बाल संरक्षण अधिकारी श्री जयप्रकाश तिवारी ने बच्चों के चार अधिकारों जिनमें जीवन जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार व सहभागिता का अधिकार के बारें में विस्तृत जानकारियॉ दी।
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