कोरोना काल में कैंप क्लास सशक्त नवाचार- डॉ बृजेश महादेव
सोनभद्र।विगत वर्ष से ही कोरोना काल में जहां एक तरफ विद्यालय बंद है वहीं कंपोजिट विद्यालय पल्हारी नगवा सोनभद्र के शिक्षक डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह "महादेव" द्वारा स्वप्रेरणा से कैंप क्लास चलाया जा रहा है, जिसमें बच्चों को नई तकनीक के माध्यम से अध्ययन कराया जा रहा है कैंप क्लास में बच्चों को मोबाइल द्वारा भी गतिविधियां कराई जा रही हैं. डॉक्टर बृजेश सिंह ने बताया कि गरीब आदिवासी अभिभावकों के पास बड़ी मोबाइल ना होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा बाधित है जिसकी वजह से अपने ही मोबाइल से रीड अलंग एवं स्मार्ट साला के माध्यम से बच्चों को ऑफलाइन गतिविधियां भी करा रहे हैं तथा पाठ्यपुस्तक के आधार पर भी बच्चों का पठन-पाठन के साथ उनके टेस्ट का कार्य जारी है. कोरोनावायरस के दौर में कैंप क्लास बड़े ही सावधानी पूर्वक चलाया जा रहा है जिसमें सभी बच्चों को मास्क पढ़ना जरूरी है तथा सोशल डिस्टेंस का पालन भी किया जा रहा है. समय-समय पर सैनिटाइजिंग का कार्य भी शिक्षक द्वारा किया जाता है. एक कैंप में 10 से 12 बच्चे होते हैं. इस तरह से विपरीत परिस्थितियों में भी पूरे गांव में जगह जगह कैंप क्लास डॉक्टर बृजेश द्वारा चलाया जा रहा है. कैंप क्लास के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई अनवरत जारी है और अभिभावक भी बहुत प्रसन्न है क्योंकि जहां एक तरफ विद्यालय बंद है वहीं उनके बच्चों की पढ़ाई उनके घर के पास में ही कैंप के जरिए संचालित हो रही है. डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह का यह प्रयास अनुकरणीय है आज के दौर में कैंप क्लास आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षण का एकमात्र सहारा है, क्योंकि अभिभावक सक्षम नहीं है अपने बच्चों को संवारने के लिए. ऐसे में शिक्षक द्वारा कैंप क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है यह काबिले तारीफ है. जनपद सोनभद्र का एकमात्र कैंप क्लास गैर जनपदों के लिए भी अनुकरणीय है इस नवाचार से बेसिक शिक्षा परिषद में क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकता है और किसी को किसी से खतरा भी नहीं रहेगा क्योकि पूरी सतर्कता के साथ कैंप क्लास का संचालन किया जा रहा है. डॉक्टर बृजेश कुमार सिंह के दृढ़ निश्चय और हौसले को सलाम करते हैं जिन्होंने गरीब आदिवासी बच्चों को सवारने का बीड़ा कैंप क्लास के माध्यम से उठाया है. कल क्लास को भी पूरी तरह से डिजिटल बनाने की कोशिश की जा रही है.
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