याद किया गया नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पराक्रम
---गांव के सैकड़ों जरूरतमंदों में कंबल, मफलर व साल का किया वितरण
सोनभद्र । जनपद के सदर ब्लॉक की ऊँचडीह ग्रामपंचायत ने रविवार को बाबू सुभाषचन्द्र बोस की 125 वीं जयंती मनाकर फिर एक नई मिसाल कायम कर दी । वर्तमान भारत और सुभाष विषय पर जनपद से जुटे विद्वानों ने भी अनेक प्रेरक प्रसंगों का एक ऐसा सेतु जोड़ा की विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे स्वतन्त्रता सेनानी नेताजी का जीवन एक प्रेरक बनकर आज की पीढ़ी को प्रोत्साहित कर गया। सोन साहित्य संगम के निदेशक वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी की सदारत में मुख्यातिथि संतकीनाराम पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ गोपाल सिंह ने वर्तमान परिवेश में सुभाष चंद की प्रासंगिकता की जीवंत तस्वीर प्रस्तुत की । विशिष्ट अतिथि विरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने कंबल भेंट , पुस्तक के लोकार्पण समेत जयंती के आयोजन को ग्रामीण क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उदाहरण बताते हुए आयोजक डॉ ओम प्रकाश त्रिपाठी उनके पुत्र राकेश त्रिपाठी (शिशु जी), राजीव त्रिपाठी और अनुपम त्रिपाठी को रचनात्मक कार्य के लिए साधुवाद दिया । प्रसिद्ध इंजीनियर एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ जय नारायण तिवारी ने सुभाष चन्द्र बोस के बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया । सोन साहित्य संगम के संयोजक एवं बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के अनुशासन समिति सदस्य राकेश शरण मिश्र , विंध्य संस्कृति शोध समिति ट्रस्ट यूपी के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी आदि ने कहा की एक तरफ ब्रिटिश हुकूमत जब 'गॉड सेव द किंग' बजा रही थी ,उस समय 'सब सुख चैन' अर्थात 'जन गण मन' से नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंग्रजों को आंखे दिखा रहे थे जिसे लिखा व संगीत बद्ध गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर ने किया था , पर उस गीत को भारत के आज़ाद मुस्तक़बिल का तराना बनाया नेता जी सुभाषचन्द्र बोस ने । उन्होंने ने ही मोहनदास करमचंद गांधी को ' राष्ट्रपिता ' कह कर पहली बार सम्बोधित किया था ।
गोष्ठी को कम्पोजिट विद्यालय अंग्रेजी मीडियम के प्रधानाध्यापक आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने भी सम्बोधित किया ।कार्यक्रम के अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से सीखने का आह्वान किया ।
शिक्षाविद समय नाथ त्रिपाठी ,माता अन्नपूर्णा देवी स्मृति सेवा संस्थान उत्तर प्रदेश के निदेशक किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य ,राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ ओमप्रकाश त्रिपाठी ने विषय प्रवर्तन और आभार प्रदर्शन में अपने मनोगत भाव व्यक्त करते हुए 'संगिनी' पुस्तक की पृष्ठभूमि साझा कर सभी को द्रवित कर दिया । स्वागत भाषण राकेश त्रिपाठी ने दिया । आयोजन का संचालन पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने किया । इस अवसर पर हर साल की भांति इस वर्ष भी ओमप्रकाश त्रिपाठी की ओर से ग्राम देवताओं को कंबल , शाल , मफलर भेंट किया गया । इसके पूर्व अतिथियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वीणा वादिनी की आराधना कवि सरोज सिंह ने की। इस मौके पर ग्राम प्रधान अर्चना त्रिपाठी, गोपाल त्रिपाठी, पूर्व सैनिक सुदर्शन पांडेय समेत सैकड़ों ग्रामवासी मौजूद रहे।
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