उत्तराखंड राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं जिससे दृष्टिगत चुनाव के नतीजों की घोषणा होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव से पहले नेताओं के दलबदल का सिलसिला भी उत्तराखंड राज्य में देखा जा रहा है। इसी क्रम में कुछ दिनों से चर्चा है इस बात की थी कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय जल्द ही कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो सकते है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज किशोर उपाध्याय भाजपा का दामन थामने जा रहे थे। इसके लिए भाजपा नेताओं से उनकी पूरी बातचीत भी हो गई थी। चर्चाये इस बात की भी है कि यही वजह है कि आज भाजपा ने एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी आयोजित किया था लेकिन उससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पैदल कर दिया दरअसल, कुछ दिनों पहले ही किशोर उपाध्याय देर रात भाजपा के प्रदेश प्रभारी से मुलाकात करने पहुंचे थे जिसके बाद से ही चर्चाओं में तुल पकड़ी फुलकी किशोर उपाध्याय जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। भाजपा से बड़ी किशोर की नज़दीकियों के बाद कांग्रेस आलाकमान ने किशोर उपाध्याय को चेतावनी की भी दी थी। लेकिन फिर जब चर्चाओं में एक बार फिर तूल पकड़ा कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं तो कांग्रेस आलाकमान ने बड़ा फैसला लेते हुए किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटा दियापूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को प्रदेश कांग्रेस के सभी पदों से हटाने का आदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने जारी कर दिया है। जारी आदेश में देवेंद्र यादव ने जिक्र किया है कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और भ्रष्ट भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं। कुशासन और भाजपा नेतृत्व से लोगो मे व्यापक गुस्सा है। यही नही, चुनौती का सामना करना और उत्तराखंड की देवभूमि और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है।लेकिन दुख की बात है कि किशोर इस लड़ाई को कमजोर करने और लोगों के हितों को कमजोर करने के लिए भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलनसार हैं। यही नही, पत्र में जिक्र किया गया है कि किशोर उपाध्याय को व्यक्तिगत रूप से कई चेतावनियों के बावजूद, इसमें शामिल होने का उनका, आचरण पार्टी विरोधी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिसके चलते किशोर उपाध्याय को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाता है, और आगे की कार्रवाई लंबित है
टिहरी गढ़वाल से सुनील जुयाल की रिपोर्ट
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