पैराफेरी क्षेत्रों को पालिका सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव पारित.
आखिर नगरपालिका में गुरुवार को उस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। जो गत साढ़े तीन दशक से देवली के शहरी विकास के लिए रोड़ा बना हुआ था।
शहर की सीमाएं सिकुड़ने के बाद पालिका से जुड़ी पैराफेरी क्षेत्र की दर्जनों कॉलोनियों का विकास अव्यवस्थित था। गौरतलब है कि इसे लेकर क्षेत्रीय विधायक हरीशचंद्र मीणा ने पिछले दिनों नगर पालिका के पट्टा वितरण कार्यक्रम में संकेत दिया था।
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उनकी भी मंशा है कि विकास से प्रभावित क्षेत्रों को नगर पालिका में शामिल किया जाए। नगरपालिका सभागार में चेयरमैन नेमीचंद जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में शहर से जुड़े कुंचलवाड़ा, ऊंचा, माधोसिंहपुरा(दोलता) देवली गांव, हनुमाननगर समेत इलाको को पालिका की सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे बाद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि इससे पैराफेरी क्षेत्रों की कॉलोनियों का सुव्यवस्थित विकास का संकल्प भी पूरा होगा और आवासीय कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का भी पालिका विस्तार कर सकेगी। वर्तमान में ऐसी कॉलोनियों का विकास समुचित तौर नही हो पा रहा था। इस मौके पर शहर के विभिन्न घुमंतू जातियों छाबड़ी वालो, शकलीघर परिवारों को भूखंड देने व उन्हें अन्यंत्र बसाने के सम्बंध में भी प्रस्ताव पारित किया गया। उक्त अहम बैठक में उपाध्यक्ष सौरभ जिंदल, भीमराज जैन, कुंदन नथैया, दुर्गेश साहू, लोकेश लक्षकार, रामनिवास मीणा, सत्यनारायण सरसडी, तूफान मीणा समेत कई पार्षद उपस्थित थे। बैठक से पूर्व देश के प्रथम सीडीएस विपिन रावत सहित डिफेंस अधिकारियों के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया तथा दो मिनट को मोन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मनोनीत पार्षद नीरज शर्मा ने भी गाड़िया लुहार बस्ती में उक्त परिवारों के बालको के लिए स्कूल खोलने की मांग भी की।
संवाददाता विशाल ठागरिया {जिला टोंक}
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