उज्जैन के महाकाल मंदिर में होने वाली भस्मी आरती में अब श्रद्धालुओं की भी मिलेगा प्रवेश। फिलहाल बैठक क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। मंदिर में कोरोना संक्रमण के पहले भस्म आरती में 1800 लोगों को भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति दी जाती थी। इस लिहाज से अब 900 से 1000 हजार लोगों को भस्म आरती में प्रवेश मिलने की संभावना है। अगले सप्ताह बुधवार से इसकी शुरुआत हो जाएगी।कोरोना संक्रमण के कारण करीब ड़ेढ़ साल पहले 17 मार्च 2020 से भस्म आरती में आम दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
गुरुवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सर्किट हाऊस में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। इसमें महाकालेश्वर भगवान की शाही सवारी के साथ ही भस्म आरती में आम दर्शनार्थियों के प्रवेश को लेकर विचार-विमर्श किया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि भस्म आरती में दर्शनार्थियों का गर्भगृह एवं नंदी हॉल में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भस्म आरती में प्रवेश ऑनलाइन बुकिंग से ही रहेगा। बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया वर्चुअल रूप में उपस्थित रहे।भस्म आरती के दौरान दर्शनार्थी दो घंटे तक नंदी हाल, गणेश मंडपम, कार्तिकेय मंडपम में बैठकर भस्मारती दर्शन करते हैं। कोरोना के पहले 1800 लोगों को एक दिन में भस्मआरती में शामिल होने की अनुमति रहती थी। लेकिन अब आधी क्षमता के साथ अनुमति रहेगी। अभी कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर में भक्तों को बाबा के बैरिकेड्स से दर्शन होते हैं। भोग, संध्या व शयन आरती में चलायमान दर्शन की व्यवस्था है। कोरोना काल में दर्शनार्थियों को 50 फीट दूर गणेश मंडपम् से राजाधिराज के दर्शन कराए गए।
आशीष रावत संवादाता मध्यप्रदेश
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