नरेशपुरी गोस्वामी बने मेहंदीपुर बालाजी के महंत:हिंदू रीति-नीति से मंत्रोच्चार व चादर रस्म के बाद विधिवत रूप से बने महंत, 41 साल पहले वंश परम्परा से किशोरपुरी महाराज ने चुना था उत्तराधिकारी.
मेहंदीपुर बालाजी के महंत नरेशपुरी महाराज को चादर ओढ़ाते महंत परिवार व राजगढ़ व हनुमान गंढी महंत व दशनाम गोस्वामी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष ।
मेहंदीपुर बालाजी
प्रसिद्ध सिद्धपीठ मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के प्रधान महंत की गद्दी पर नरेशपुरी महाराज को संतों व दशनाम गोस्वामी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष व पंच-पटेलों ने सर्वसम्मति से चादर देकर पद पर आसीन किया। संत परंपरा के अनुसार पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर संपन्न कराई। इसके बाद सबसे पहले महंत परिवार, इसके बाद राजगढ गद्दी के महंत श्याम भारती व अमन भारती और अयोध्या के हनुमानगढ़ी के संतों व दशनाम गोस्वामी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ महेश गिरि जी व राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष बाबुलाल भारती जी ।
15 गांवों के प्रबुद्ध लोगों ने चादर ओढ़ाकर परम्पराए निभाई।
55 साल बाद बदलेगा मंदिर का महंत
पिछले दिनों 88 साल की लंबी उम्र में ब्रह्मलीन हुए किशोरपुरी महाराज ने 55 साल पहले मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत की गद्दी पर बैठे थे। उनके पूर्ववर्ती महंत गणेशपुरी महाराज ने रामकिशोर गोस्वामी को अपना उत्तराधिकारी चुना था। किशोरपुरी महाराज द्वारा महंत की गद्दी संभालने के बाद वंश परंपरा के अनुसार 12 अक्टूबर 1979 को नरेशपुरी गोस्वामी को अपना उत्तराधिकारी चुना। ऐसे में अब नरेशपुरी गोस्वामी चादर रस्म के बाद विधिवत रूप से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत होंगे।
नरेशपुरी ने किशोरपुरी महाराज से गुरु दीक्षा ली
महंत नरेशपुरी का जन्म 12 दिसंबर 1962 को पास के ही उदयपुरा गांव में रामस्वरूप गोस्वामी के घर हुआ था। इनकी माताजी अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। पारिवारिक संस्कारों और माता-पिता की धार्मिक प्रवृत्ति के कारण ही नरेशपुरी गोस्वामी का भक्ति, धार्मिक साहित्य पठन, लेखन व भक्ति संगीत की ओर हो गया। बाल्यकाल में ही माता के निधन के बाद उन्हें सांसारिक जीवन से विरक्ति हो गई। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने महंत किशोरपुरी महाराज से गुरु दीक्षा ली। गुरु के सानिध्य में अध्यात्म को अपने जीवन में आत्मसात किया। प्रभु भक्ति के कारण ही नरेशपुरी महाराज ने अपने आप को बाल्यकाल में ही अपने गुरु किशोरपुरी महाराज को समर्पित कर बालाजी महाराज की सेवा-पूजा व जनकल्याण के कार्यों में लग गए।
महंत नरेशपुरी महाराज ने कहा कि
मर्यादा पुरुषोत्तम को मानते हैं आदर्श
भगवान श्रीराम को अपना आदर्श मानने वाले महंत नरेशपुरी गोस्वामी कहते हैं कि प्रभु श्रीराम का आदर्श चरित्र जन-जन के लिए अनुकरणीय है। हमें भगवान राम के आदर्श मूल्यों को आत्मसात करना होगा। तभी मनुष्य जीवन में कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। उनका कहना है कि हर घर में नई पीढ़ी को श्रीरामचरितमानस कथा नित्य पढ़नी चाहिए, इससे जीवन की हर समस्या का हल खोजा जा सकता हैं।
महंत गद्दी वंश परंपरा अनुसार चली आ रही है
गौरतलब है कि मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट की गद्दी वंश परंपरा अनुसार चल रही है. इस गद्दी पर पहले गणेश पुरी जी महाराज, उसके बाद किशोर पुरी महाराज और अब नरेश पुरी को महंत नियुक्त किया गया है. इस गद्दी पर बाल ब्रह्मचारी को ही महंत बनाया जाता है. ऐसी परंपरा है कि बचपन में ही उत्तराधिकारी चुन लिया जाता है.
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