सिवनी। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों के परिजनों और अनाथ बच्चों के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कई योजनाओं की घोषणा की है। लेकिन मृत्यु प्रमाणपत्र में कोरोना का उल्लेख न होने के कारण लोगों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के नागरिक ऐसा मानने लगे है कि ये सब दिखाने के लिये है देने के लिये नहीं है। मुख्यमंत्री ऐसा निर्देश जारी करें कि होम कोरन्टीन एवं कोरोना वार्ड में भर्ती मरीज की इलाज के दौरान यदि मृत्यु हो जाती है तो मृत्यु प्रमाणपत्र में कोरोना म उल्लेख अनिवार्य रूप से किया जाये तभी लोगों को लाभ मिलेगा। उक्ताशय का पत्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशुतोष वर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा है जिसकी प्रतिलिपि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को भी भेजी है।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कांग्रेस नेता वर्मा ने आगे यह उल्लेख किया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोविड 19 से पीड़ित प्रदेश के नागरिकों अनाथ हुये बच्चों और मृतकों के परिजनों की मदद के लिये कई योजनायें बनायीं है। लेकिन उनकी इस मंशा पर निरंकुश शासकीय मशीनरी पलीता लगाने में जुटी हुयी है। सरकार द्वारा घोषित की गयी सभी योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि मृत्यु प्रमाणपत्र में यह उल्लेख हो कि मृतक की मृत्यु कोविड 19 से हुयी है। लेकिन अधिकांश मृतकों के परिजनों को जो प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं उनमें मृत्यु का कारण कोविड 19 नहीं लिखा जा रहा है। जिससे पात्र व्यक्ति भी इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहा है।
इंका नेता आशुतोष वर्मा ने विज्ञप्ति में आगे उल्लेख किया है कि जिन नागरिकों ने अपने परिजनों को कोविड 19 में खो दिया है उन्हें सरकार की घोषणा के अनुसार उनके परिजनों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जायेगी। हालांकि मानव जीवन की कोई कीमत नहीं होती लेकिन यह दुःख के इन क्षणों में जख्म पर मरहम लगाने जैसा अवश्य है। जबकि वास्तविकता यह है कि इस मरहम को पाने के लिये कोशिश करने वाले परिजन एक बार फिर दुख के सागर में डुबकी लगाने के लिये मजबूर हो रहे है। उन्हें ऐसा भी महसूस हो रहा है कि ये तमाम घोषणाएँ दिखाने के लिये है देने के लिये नहीं। कोविड 19 वार्ड में भर्ती मरीज की जब इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है तब भी उसके मृत्यु प्रमाणपत्र में मृत्यु का कारण कोविड 19 ना बताकर वह कालम खाली छोड़ दिया जा रहा है जबकि कोविड वार्ड में किसी अन्य बीमारी से ग्रसित मरीज को भर्ती ही नहीं किया जा सकता है।इससे लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। कृपया संलग्न पेपर कटिंग का अवलोकन करें जिसमें अनूपपुर का समाचार छपा है। इस समाचार में उल्लेख किया गया है कि शिकायत मिलने पर संशोधित मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किये गये जिसमें मृत्यु का कारण कोविड 19 लिखा गया। प्रदेश के हर जिले में यह शिकायत मिल रही है।
पत्र के अंत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशुतोष वर्मा ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे शीघ्र ही यह निर्देश जारी करने का कष्ट करें कि 1 मार्च 2021 से अब तक कोविड वार्ड में भर्ती किसी भी मरीज की यदि इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को जारी किये जाने वाले मृत्यु प्रमाणपत्र में मृत्यु का कारण कोविड का उल्लेख अवश्य करें ताकि लोगों को यह विश्वास हो सके कि मुख्यमंत्री की घोषणाएँ दिखाने के लिये नहीं वरन देने के लिये है और दुःखी परिजनों को राहत पहुंचाने के लिए हैं।
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