मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली है, 85 साल के उम्र में किडनी और लीवर इंफेक्शन की वजह से राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हुआ। उन्हें 11 जून से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने आज सुबह अंतिम सांस ली।
लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में हुआ था। 1958 में उनका विवाह हुआ। लालजी टंडन ने ग्रेजुएट करने के बाद आधिकारिक रुप से राजनीति में प्रवेश किया । उनके पुत्र गोपाल जी टंडन इस समय उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री हैं। [post_ads]
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी। शुरुआती करियर में लालजी टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। लालजी टंडन ने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को यूपी की राजनीति में कई बदलाव वाले प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बीएसपी की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है।लालजी टंडन लखनऊ से 15 वीं लोक सभा 2009-2015 के सदस्य रह चुके हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की भाजपा सरकारों में मंत्री भी रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी रहे । इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी । लालजी टंडन को 21 अगस्त 2018 को बिहार के राज्यपाल बनाया गया। दिनांक 20 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 21 जुलाई सुबह लालजी टंडन ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालजी टंडन को श्रद्धांजलि देते हुए एक के बाद एक दो ट्वीट किए. ट्वीट कर उन्होंने कहा, ‘श्री लालजी टंडन को समाज सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टंडन ने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया. उनके निधन से दुखी हूं.’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खो दिया है.’
आशीष रावत मध्यप्रदेश
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