रांची: विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को शिक्षा के बजट पर चर्चा हुई। शिक्षा विभाग के बजट पर सरयू राय ने कटौती प्रस्ताव लाया। कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि माननीयों को शिक्षा और स्कूलों की चिंता सिर्फ सदन में होती है। हिम्मत है तो विधायक, अधिकारी और शिक्षक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ायें तभी शिक्षा में बदलाव आयेगा।
कटौती प्रस्ताव के दौरान सरयू राय ने पारा शिक्षकों के दीर्घकालिक समाधान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक और टेट पास शिक्षकों के आंदोलन से राज्य की शिक्षा प्रभावित होती है।
पारा शिक्षकों के भरोसे ही प्राथमिक शिक्षा है। उन्होंने प्राइवेट विवि और तकनीकी शिक्षण संस्थानों की मॉनिटरिंग पर भी सरकार को ध्यान देने की अपील की।
उन्होंने आइटी में राज्य की स्थिति पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा कि हम सीएम डैशबोर्ड से ही समझ सकते हैं। डैशबोर्ड पूरी तरह से कार्यरत नहीं है। सरयू राय के अलावा, नीरा यादव, प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, बैद्यनाथ राम, इरफान अंसारी, इंद्रजीत महतो और लंबोदर महतो ने भी अपने विचार रखे।
सरयू राय और प्रदीप यादव ने कौशल विकास में हुई मनमानी, आंकड़ों के खेल और कार्यप्रणाली को लेकर एसआइटी गठित करने की मांग की।
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