मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो आरोपियों ने ईडी के स्पेशल कोर्ट में शनिवार को सरेंडर कर दिया। आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व पीएस के रिश्तेदारों सुजीत कुमार और सुबोध कुमार ने ईडी कोर्ट में समर्पण किया। आरोपियों ने स्पेशल जज एसके पांडेय की कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 14 दिनों की न्याययिक हिरासत में भेज दिया।
गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व निजी सचिव मनोज कुमार सिंह ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बीते 15 फरवरी को ईडी की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। कोर्ट ने मनोज सिंह के खिलाफ कुर्की का आदेश दिया था। बताया जा रहा है कि कुर्की का आदेश जारी होने के बाद मनोज सिंह ने दबाव में आकर सरेंडर कर दिया। बता दें कि मनोज सिंह पर आरोप है कि उन्होंने 9 अक्टूबर 2006 से 23 अगस्त 2008 के बीच मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के निजी सचिव रहते अवैध तरीके से 13 करोड़ रुपये कमाये हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने मनोज सिंह और उनके दो और भाइयों को हाजिर करने के लिए इनके खिलाफ 15 जनवरी 2018 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद भी जब तीनों कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, तब 19 नवंबर 2019 को कोर्ट ने तीनों के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद भी ये तीनों कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, तब तीनों के खिलाफ इश्तेहार जारी किया गया था। बता दें कि तीनों भाई ने 2011 में निगरानी ब्यूरो द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले पर कार्रवाई करते हुए ईडी ने मनोज सहित उसके दो भाइयों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
इसके बाद तीनों आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए विशेष कोर्ट से लेकर हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक में याचिका दायर की थी, लेकिन कहीं से इन्हें राहत नहीं मिली थी। आयकर विभाग ने वर्ष 2009 में मनोज सिंह के खाते में जमा 13 करोड़ रुपये जब्त कर लिये थे। निगरानी ब्यूरो ने 2 दिसंबर 2009 को उसके ऊपर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया। जिसके अनुसार, मनोज सिंह ने 9 अक्टूबर 2006 से 23 अगस्त 2008 के बीच मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के निजी सचिव रहते अवैध तरीके से 13 करोड़ रुपये अर्जित किये। इस बारे में जब मनोज से पूछा गया, तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका था।
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