नेशनल लोक अदालत में 5338 केस पेश 4154 का निपटारा
4 करोड़ 74 लाख 35 हज़ार 7 सौ 47 रूपये के अवार्ड पास
पठानकोट 14 सितंबर (दीपक महाजन): पंजाब कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के निर्देशानुसार जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के चेयरमैन कम डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जितेंद्र पाल सिंह खुरमी की अध्यक्षता में मलिकपुर कोर्ट में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
जिसमें 7 बेंच लगाए गए और आपसी सहमति के साथ कसो का निपटारा किया गया। इस संबंधी जानकारी देते हुए जिला एंड सेशन जितेंद्र पाल सिंह खुरमी ने बताया कि आज नेशनल लोक अदालत में 7 बेंच लगाए गए थे जिनमे रवदीप सिंह हुंदल एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज, फैमिली कोर्ट जज जसवीर कौर, सीजेएम मानव, सिविल जज सीनियर डिवीजन जज डैजी बांगड, कुशहाल सिंगला जज जूनियर डिवीजन, रवनीत कौर बेदी जज जूनियर डिवीजन, परमिंदर पिंदू जज जूनियर डिवीजन इसके अलावा इस मौके पर सचिव कम सीजेएम रुपिंदर सिंह शामिल थे।
डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज जितेंद्र पाल सिंह खुरमी ने बताया कि आज नेशनल लोक अदालत में 5338 केस पेश हुए जिनमें 4154 केसो का मौके पर निपटारा किया गया । उन्होंने बताया कि आज नेशनल लोकदलत में 4 करोड़ 74 लाख 35 हज़ार 7 सौ 47 रुपए के अवार्ड पास किए गए। उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत में किसी भी पार्टी की हार नहीं होती है बल्कि दोनों ही पार्टियों केस जीत कर जाती है इसलिए हमें अधिक से अधिक केस लोक अदालत में लगाने चाहिए । उन्होंने बताया कि लोक अदालत में केस में लगी हुई कोर्ट फीस भी वापस कर दी जाती है । उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत का निर्णय अंतिम निर्णय होता है फिर इस के फैसले के खिलाफ किसी भी अदालत में अपील नहीं की जा सकती है । वही आज लोक अदालत में डैजी बांगड सिविल जज सीनियर डिवीजन के बेंच पर एक ऐसा मामला आया जिसमें मंगनी के बाद झगड़ा हो गया, पठानकोट के सैली कुलियां की महेंद्रो देवी की बेटी का रिश्ता जम्मू कश्मीर के आरएसपुरा के रहने वाले करण कुमार के साथ हुआ था, लेकिन शादी से पहले ही रिश्ता टूट गया। महेंद्र देवी के परिवार की ओर से शगुन में लड़के को गहने और दहेज का सामान दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सामान वापस मांगने पर भी उन्हें वापस लौटाया नहीं गया जिस पर उन्होंने कोर्ट में केस लगाया। लोक अदालत में सेशन जज जितेंद्र पाल सिंह खुर्मी के हस्तक्षेप से दोनों पक्षों को बैठा कर मामला सुलझाया गया और जज साहब ने लड़के पक्ष से सोने के आभूषण और 60000 वापिस लौटाने पर रजामंदी से निपटारा कर दिया। वही फैमिली कोर्ट में एक ऐसा मामला आया जो की शादी के 8 साल बीत जाने के बाद उनके जहां एक बेटी भी थी और उन्होंने तलाक का केस 2022 में लगाया हुआ था लोक अदालत में फैमिली कोर्ट के जज जसवीर कौर के प्रयासों से मियां, बीवी को समझ कर उनका आपसी समझौता करवा दिया गया जिस से बच्ची को दोबारा मां-बाप दोनों का प्यार मिल गया।
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