संगोष्ठी में दीपक केसरवानी सम्मानित
आरटीएस क्लब की 75 वी वर्षगांठ पर हुआ संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह।
डॉक्टर जयराम लाल श्रीवास्तव, रूद्र प्रसाद, ललित मोहन आदि समाजसेवियों ने 1952 में किया था स्थापित।
सांस्कृतिक, साहित्यिक, धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन के होता चला आ रहा है।
नामचीन हस्तियों को क्लब कर चुका है सम्मानित
सोनभद्र।संस्कृत, साहित्य, समाज सेवा, खेल के क्षेत्र पर अनवरत 75 वर्षों से कार्यरत आरटीएस क्लब द्वारा जयप्रभा मंडपम में आयोजित संगोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार/इतिहासकार, रामायण कलर मैपिंग योजना के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञ दीपक कुमार केसरवानी को क्लब के संरक्षक डॉक्टर कुसमाकर श्रीवास्तव, अध्यक्ष प्रमोद श्रीवास्तव, सचिव प्रदीप बगड़िया, उपाध्यक्ष प्रभाकर श्रीवास्तव द्वारा, अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र, पौधा प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संरक्षक डॉक्टर कुसुमाकर श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा क्लब देश के महान संगीतकारों, साहित्यकारों, कवियों, खिलाड़ियों को अपने मंच से सम्मानित कर चुका है। स्थापना कल से आज तक क्लब द्वारा वॉलीबॉल, टेबल टेनिस, क्रिकेट, शतरंज एवं चारों प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ-साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी की झांकी, दुर्गा पूजा, संगीत, गायन, वादन आदि का आयोजन कराया जाता रहा है।
अध्यक्ष प्रमोद श्रीवास्तव ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-आरटीएस क्लब के मैदान में प्रतिवर्ष श्री रामचरितमानस नवाह पाठ महायज्ञ का आयोजन होता रहा है और इस आयोजन में राम कथा वाचकों, विद्वानों, चारों पीठ के शंकराचार्य का आगमन होता रहा है जिससे 9 दिनों तक नगर में भक्तिमय माहौल बना रहता है।
सचिव प्रदीप बागड़िया ने अपना उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि-आरटीएस क्लब में मधुरिमा साहित्य गोष्टी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का एक समृद्ध इतिहास रहा है और इस मंच पर देश के जाने-माने कवि, साहित्यकार, शायर शिरकत कर चुके हैं और यह परंपरा आज भी जारी है।
उपाध्यक्ष प्रभाकर श्रीवास्तव ने कहा कि- हमारा क्लब आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के साथ-
साथ गत 75 वर्षों में सांस्कृतिक, धार्मिक, साहित्य कार्यक्रमों के माध्यम से नगर वासियों को जो रसपान कराया है वह अद्वितीय है।
सदस्य दिवाकर श्रीवास्तव संगोष्ठी में अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि- हमारा क्लब साहित्यकारो, पत्रकारों, कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए हमेशा तत्पर रहा है, इसी श्रृंखला में आज हम दीपक केसरवानी को सम्मानित कर रहे हैं। साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के माध्यम से लगातार 35 वर्षों से सोनभद्र के माध्यम से पुरातात्विक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, प्राकृतिक स्थलों के संरक्षण, संवर्धन, पर्यटन विकास, आदिवासी संस्कृति, साहित्य कला के संरक्षण हेतु कार्य कर रहे हैं, जनपद सोनभद्र की स्थापना, मुख्यालय के स्थाईकरण, मे इनका योगदान रहा है, आकाशवाणी, दूरदर्शन, एवं अन्य चैनलों से सोनभद्र के फॉसिल्स, गुफाचित्र अन्य सांस्कृतिक स्थलों, आदिवासी संस्कृति साहित्य कला पर आधारित कार्यक्रमों का प्रसारण एवं देश की स्तरीय पत्र- पत्रिकाओं में लेख आदि का प्रकाशन के माध्यम से इन्होंने सोनभद्र को हाइलाइट किया है।
संगोष्ठी में उपस्थित साहित्य प्रेमियों समाजसेवियों ने होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए इस संबंध में अपना विचार व्यक्त किया।
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