आरटीएस क्लब में उमड़ी भक्तों की भीड़
सोनभद्र नगर में अवस्थित आरटीएस क्लब में कैमूर महोत्सव समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है रथ पर आरूढ़ महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की आकर्षक भव्य प्रतिमा का भक्तजन पूजा अर्चना करके पुण्य की प्राप्ति कर रहे हैं। रामायण कलर मैपिंग योजना के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एवं इतिहासकार दीपक कुमार केसरवानी के अनुसार-"सोनभद्र नगर के साहित्यिक, सांस्कृतिक आयोजनों के केंद्र आरटीएस क्लब में सन 1984 में प्रथम दुर्गा पूजा का आयोजन समाजसेवी चिकित्सक डॉक्टर कुसुमाकर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित हुआ था नगर के चिकित्सक जयराम लाल श्रीवास्तव, रूद्र प्रसाद श्रीवास्तव, ललित मोहन श्रीवास्तव, राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज के कला अध्यापक विपिन श्रीवास्तव, इब्ने हसन हाशमी, संरक्षक कुसुमाकर श्रीवास्तव, अध्यक्ष प्रमोद श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष प्रभाकर श्रीवास्तव एडवोकेट, कोषाध्यक्ष प्रदीप बगड़िया सदस्य दिवाकर श्रीवास्तव सहित नगर के अन्य नागरिकों के सहयोग से कैमूर महोत्सव समिति का गठन हुआ और इसके बैनर तले प्रथम दुर्गा पांडाल की स्थापना कराई गई, उस समय यह क्षेत्र मिर्जापुर जनपद के अंतर्गत आता था तब से लेकर आज तक यह परंपरा कायम है।"
नगर में लगभग विभिन्न दुर्गा पंडालो में मां दुर्गा की नौ स्वरूप वाली मूर्ति की स्थापना श्रद्धालुओं द्वारा कराई गई है और श्रद्धालु नगर भ्रमण के पश्चात आरटीएस क्लब में आकर विश्राम करते हैं प्रसाद ग्रहण करते हैं मां दुर्गा का दर्शन कर अपनी भक्ति भक्ति यात्रा आगे बढ़ाते हैं।
साहित्यकार प्रतिभा देवी बताती है कि-" नगर के वार्ड नंबर 14 मां शेरावाली महोत्सव समिति का गठन सन 1992 में हुआ था इस समिति के बैनर तले प्रतिवर्ष मां दुर्गा के विविध रूपों के मूर्ति की स्थापना के साथ- साथ हर साल पांडाल के निर्माण और कार्यक्रम का आयोजन नवीनता रहती है। अष्टमी, नवमी, दसमी को श्रद्धालु मां के दर्शन, पूजन, अर्चन के प्रति जागृति पैदा करने के लिए रंगोली डांडिया,गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है और विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन समिति के पदाधिकारी करते हैं। इस कार्यक्रम में सभी धर्म, वर्ग के लोग उत्साह पूर्वक लोग भाग लेते हैं और कार्यक्रम को सफल बनाते हैं।"
नगर में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी मां सिद्धिदात्री की आकर्षक भव्य प्रतिमा पंडालों में स्थापित की गई है और प्रत्येक पांडाल की सजावट आकर्षक ढंग से की गई है।
इस वर्ष दुर्गा पंडालों में ध्वनि प्रदूषण को रोकने और जनहित को ध्यान में रखते हुए धीमा, मधुर संगीत- गीत का प्रसारण महोत्सव समितियों द्वारा कराया जा रहा है। इस प्रकार संपूर्ण नगर में भक्तिमय हो गया है और सुबह से लेकर देर रात तक दुर्गा पंडालों में बजने वाले भजन मां के भक्तों को अपनी पांडाल की ओर आकर्षित कर रहे हैं और दुर्गा पंडालों में भारी संख्या में श्रद्धालु मां का दर्शन पूजन अर्चन कर रहे हैं।
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