कडींसौड़/कमांद।। विकासखंड थौलधार के होटल कमांद रेजीडेंसी में वेदान्त सत्य सनातन संस्कृति न्यास के द्वारा संस्था का द्वतिया स्थापना दिवस के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संस्था के माध्यम से गढ़वाली सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की गई है।
"वेदान्त सत्य सनातन संस्कृति न्यास" के संस्थापक दयानन्द सिलवाल ने कहा की उनके द्वारा धार्मिक पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण किया जाता है।
न्यास के संस्थापक ने कहा कि मैंने काफी वर्षों से महसूस किया कि समाज में धार्मिक पुस्तकों एवं अपनी संस्कृति व त्यौहारों के प्रति रुचि घट रही है।
उन्होंने कहा की हमने आज की सामाजिक कुरीतियों को देख कर सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं धार्मिक पुस्तकों के पठन के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से "वेदान्त सत्य सनातन संस्कृति न्यास"की स्थापना की है।
न्यास के संस्थापक ने कहा की गढ़वाल क्षेत्र के दिल्ली में रहने वाले प्रवासियों का न्यास संस्था को बराबर सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्था का उद्देश्य हे कि हमारे देश प्रदेश में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा,शिक्षा,रोजगार के प्रति जागरूकता एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।
कार्यक्रम के अवसर पर संस्था द्वारा उपस्थित सदस्यों को नि:शुल्क पुस्तक वितरण एवं सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र छात्राओं को प्रोत्साहन राशि एवं विधालय के लिए खेल सामग्री प्रदान की गई।उन्होंने कहा की धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन के प्रति बचपन से ही बच्चों को प्रेरित किया जाए। जिससे बच्चों के अंदर अपनी संस्कृति व त्यौहारों एवं अपने धर्म के प्रति जागरूकता रहें।
मुख्य अतिथि श्री बिरेंद्र मोहन उनियाल ने अपने संबोधन से पहले भागवत गीता के पन्द्रहवें अध्याय का पाठ कर अपना संबोधन शुरू किया।श्री उनियाल ने में संस्था के संस्थापक श्री डी एन सिलवाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि संस्था को जब भी हमारे सहयोग की जरूरत पड़ेगी हम संस्था के सहयोग हेतु तत्पर है।
उन्होंने कहा कि वेदान्त सत्य सनातन संस्कृति न्यास की संस्था के द्वारा बहुत अच्छी पहल की जा रही है,क्योंकि हमारे क्षेत्र में जागरूकता की कमी है।
उन्होंने कहा कि संस्था के सदस्यों के द्वारा गांव गांव में जाकर लोगों को अपने धर्म एवं लोगों के अंदर विभिन्न प्रकार की कुरितीयों के प्रति जागरूक करने की कोशिश की जा रही है।
संस्था के सदस्य बृजमोहन सिल्सवाल ने कहा कि अपने धर्म के प्रति युवाओं को जागरूक करने का कार्य हम सभी बुजुर्ग गणों को करना चाहिए जिससे कि युवाओं के मन में हमारे धर्म को लेकर जनचेतना जागृत रहे।
उन्होंने कहा कि हम सभी बरिष्ठ जनों को युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करना चाहिए।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री पवन रावत ने संस्था के संस्थापक एवं सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वेदांत सत्य सनातन संस्कृति न्यास संस्था के संस्थापक द्वारा अपने धर्म के प्रति क्षेत्रवासियों को जागरूक करने के साथ-साथ उनको धार्मिक पुस्तकों का निशुल्क वितरण किया जाना क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी पहल है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे पहाड़ में रोजगार की बड़ी बिकट समस्या है,प्रदेश में विभिन्न संगठनों का गठन हो रखा है,परंतु रोजगार उपलब्ध नही हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में एक जुटता से रोजगार की आवाज उठनी चाहिए।
बरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र भट्ट ने अपने संबोधन में वेदांत सत्य सनातन संस्कृति न्यास के संस्थापक एवं सभी सदस्यों का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि संस्था के द्वारा जो धर्म के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है,या हिंदू धर्म में अपने आप में बहुत बड़ा सम्मान है।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने का कार्य करना होगा।
श्री भट्ट ने कहा कि हम सभी नागरिकों को अपनी संस्कृति एवं सामाजिक कार्य में अपना योगदान जरुर देना चाहिए,एवं अपने धर्म के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
प्रधान चोपड़ा रोशन लाल थपलियाल ने अपने संबोधन में कहा कि जिस प्रकार से संस्था के संस्थापक के द्वारा अपने कार्यों को छोड़कर लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरूक करने की कोशिश की जा रही है,या हमारे क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वाह अपने क्षेत्र की जनता को अपने धर्म के प्रति कट्टरता से जागरुक करने का प्रयास करें।
संस्था के संस्थापक सदस्य सुधीर कुमार जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को अपनी आने वाली पीढ़ी को देखते हुए अपने धर्म के प्रति जागरूकता दिखानी होगी एवं अपने क्षेत्र को अपने धर्म के प्रति जागरूक करने का प्रयास करना होगा एवं विशेष करके मात्र शक्तियों को अपने धर्म के प्रति जागरूक करने का प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि हर प्रकार की संस्था हो या समिति या कोई भी संगठन हो उन सभी का संचालन नियमानुसार किया जाता है।
शिशु मंदिर मैडंखाल के आचार्य दीपक भट्ट ने अपने संबोधन में कहा कि हम जैसे युवाओं को अपने साथियों के साथ साथ बच्चों एवं सभी क्षेत्रीय लोगों को हिंदू धर्म को लेकर जागरूकता दिखानी होगी एवं धार्मिक पुस्तकों का पठन-पाठन करना होगा जिससे कि हम सभी के मन में एक धार्मिकता उत्पन्न हो।
संस्थापक सदस्य सुनील जुयाल ने कहा कि आज के युवाओं को सोशल मीडिया में धर्म की बात करने एवं धर्म की चर्चा करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए।जमीनी स्तर पर युवाओं को अपने धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाना चाहिए जिससे कि हमारा हिंदू धर्म एवं हमारी संस्कृति जीवित रह सके।
संस्था के संस्थापक एवं सदस्यों द्वारा कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को पुस्तक वितरण करने के साथ-साथ कई प्रकार के धार्मिक विषयों पर विचार-विमर्श भी किया गया है।
इस अवसर पर बिरेंद्र उनियाल, शैलेन्द्र भट्ट,संस्था के संस्थापक दयानंद सिलवाल, सदस्य सुधीर कुमार जायसवाल, पवन सिंह रावत, बृजमोहन सिल्सवाल,धीरजमणी सेमवाल, ज्ञानचंद रमोला,लाखीराम रतुडी़, शंकरचंद रमोला,रोशन लाल थपलियाल प्रधान चोपड़ा, गोविंद प्रसाद,मनोहर लाल, कुंवर सिंह, शक्ति सिंह, प्यारचंद रमोला,सचितानंद रतुड़ी, विनोद राणा,दीपक सिंह, राजेंद्र प्रसाद, हरीश भट्ट प्रधान बरनोली,ओमप्रकाश भट्ट,मदनलाल, आनंद सिंह सेनवाल,प्रताप सिंह,पकंज सिल्सवाल,कुबेर उनियाल,दीपक
भट्ट,राजेंद्र,विवेकानंद, रमेश कुमार प्रधान कैछूं,सुरत सिंह सेनवाल,खेम खत्री, पुष्पा देवी,जगदी देवी,पुनम,मीना,जशोदा, गीता,सुंदरी,उर्मिला,सम्पती,छोटी,ममता,अनिता,सुंदरी,
कुशुम,मायादेवी,पुजा,सीता,उजला,बीना,जौमाला,रीना,रोशनी, अनिता,कला देवी, कुर्ती देवी,पुजा,निर्मला,म्रुर्ता देवी, लीला देवी, गुड्डी देवी,पूर्णा देवी आदि मौजूद रहें।
प्रगति मीडिया से सुनील जुयाल की रिपोर्ट।।
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