कडींसौड़/कमांद।। ईश्वर का बोध अर्थात ब्रह्मज्ञान ही सर्व श्रेष्ठ ज्ञान है
मानव शरीर पाकर भी परमात्मा से अनभिज्ञ रहना वास्तव में मानव के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
यद्यपि परमात्मा सर्वव्यापक है,फिर भी इसका तत्व बोध मानवीय प्रयासों की पहुंच से परे है,केवल पूर्ण सत्गुरु के माध्यम एवं कृपा से ही जिज्ञासु के लिए सर्वव्यापी ईश्वर को जानना और इसके अहसास में जीवन व्यतीत करना संभव हो पाता है,यह बात निरंकारी संत समागम को संबोधित करते हुए सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कही।
निरंकारी मिशन विभिन्न विचारधाराओं में आस्था रखने वाले संसार के सभी इंसानों का सम्मान करता है। यह युगों- युगों से पवित्र ग्रंथो में स्थापित इस मान्यता में विश्वास रखता है कि साकार सत्गुरु के माध्यम से ही परमपिता परमात्मा की जानकारी एवं अनुभूति प्राप्त हो सकती है।सफल एवं सुखी जीवन के लिए आत्मबोध ही एक मात्र रास्ता है जो कि मानव जीवन का परम लक्ष्य है। ईश्वर प्राप्ति के द्वारा वैश्विक भाईचारे की स्थापना संभव है तथा सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण तथा सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण तथा विश्वव्यापी शान्ति और समृद्धि के लिए ईश्वरानुभूति अत्यंत आवश्यक है,और यह सब सदगुरु कृपा से ही संभव है।
उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में पेशावर (वर्तमान पाकिस्तान) में सत्गुरु बाबा बूटा सिंह ने की थी। 1943 में भाई साहब अवतार सिंह उत्तराधिकारी घोषित हुए। 1947 में देश विभाजन के बाद बाबा अवतार सिंह दिल्ली आ गए। 1962 में बाबा गुरुवचन सिंह को मिशन की बागडोर सौंपी गई। 24 अप्रैल 1980 को बाबा हरदेव सिंह को बागडोर सौंपी गई।
36 वर्षों के अनथक प्रयासों से भारत सहित अनेक देशों में कल्याण यात्राएं की। 13 मई 2016 को माॅन्ट्रियल(कनाडा) में बाबा हरदेव सिंह ने अपना नश्वर शरीर त्यागने के बाद सदगुरु माता सविन्दर हरदेव ने निरंकारी मिशन की बागडोर संभाली और जुलाई 2018 में उन्हें सदगुरु माता सुदीक्षा महाराज के नाम से दायित्व सौंपा गया। वह मानती हैं कि युवाओं का जोश एवं बुजुर्गों का होश मिलकर एक सुन्दर योगदान दे सकता है।
समागम में संत निरंकारी मिशन के अनेकों अनुयायियों ने संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन में आत्मा के कल्याण के लिए सदगुरु का सानिध्य एवं कृपा नितान्त आवश्यक है।
इस अवसर पर उत्तराखंड बोर्ड के टापर बच्चों को भी सम्मानित किया गया।
समागम में लगभग आठ हजार लोग शामिल हुए। मिशन के स्वयं सेवक सक्रिय रहे। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के इंतजाम रहे। स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट रहा।
इस अवसर पर सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के जीवनसाथी रमित चांदना, समागम के संयोजक रमेश चन्द्र रमोला, कार्यकर्ता राकेश बहुगुणा, भरत सिंह राणा, अजय गुसाईं, दलवीर चन्द रमोला आदि मौजूद रहे।
प्रगति मिडिया से सुनील जुयाल की रिपोर्ट।।
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