रामायण कल्चर मैपिंग योजना से कलाकारों को मिलेगा रोजगार -दीपक कुमार केसरवानी
-रामलीला मंडली के कलाकारों, रामकथा वाचको की खोज जारी।
-उत्कृष्ट कलाकारों को विदेशों में रामलीला प्रदर्शन का मिलेगा का अवसर।
- कलाकारों के अभिलेखीकरण का कार्य प्रारंभ।
सोनभद्र-रामायण कल्चर मैपिंग योजना के अंतर्गत सरकार रामलीला मंडली के भगवान श्री राम से वानर तक की भूमिका का निर्वहन करने वाले कलाकारों, राम कथा वास्को को कला प्रदर्शन के के साथ-साथ रोजगार का अवसर प्रदान करेगी।
उपरोक्त योजना के बारे में जानकारी देते हुए संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के अयोध्या शोध संस्थान लखनऊ द्वारा मनोनीत डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर दीपक कुमार केसरवानी कहा कि-"इस योजना का शुभारंभ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन कलाकारों के लिए किया गया जो कोरोनावायरस संक्रमण काल में अपनी कलात्मक विधा, रामलीला मंचन, कथा वाचन से विमुख होकर अर्थ उपार्जन हेतु अन्य कार्यों में लग गए थे, उन्हें पुनः मंचीय विधा से जोड़ने और कलाकारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने हेतु इस योजना का संचालन शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत सुबे के जनपद सोनभद्र में रामलीला कलाकारों, कथा वाचको व अन्य सांस्कृतिक विधाओं के कलाकारों का अभिलेखीकरण का कार्य जारी है। अभिलेखकीय कार्य पूर्ण होने के बाद, इसकी सूची अयोध्या शोध संस्थान लखनऊ को प्रेषित की जाएगी और उसी आधार पर इन कलाकारों को लखनऊ में रामलीला प्रदर्शन का अवसर प्राप्त होगा, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कलाकारो को विदेशों में भी अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर प्राप्त होगा।'
अयोध्या शोध संस्थान लखनऊ द्वारा जारी प्रथम सूची में रामलीला परिषद रेणुकूट, रामलीला समिति कुसुमहा,आदर्श रामलीला समिति करारी, रामलीला परिषद तरावा का नाम सूचीबद्ध किया गया है।
जनपद के कलाकार, रामलीला मंडली एवं कथा वाचक इस योजना से जुड़ कर अधिक से लाभ उठाएं। अधिकृत जानकारी जिला सूचना विभाग एवं मेरे मोबाइल एवं व्हाट्सएप नंबर 91 25 56 83 53 पर प्राप्त करें।
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