*जैन बेकिंग-21-जुलाई-रवि जैन चुनगी पत्रकार*
*बड़े ही पुण्य भाव से आपको आर्य खण्ड में जन्म मिला हैं*--
*मुनि श्री सुधा सागर जी*
ललितपुर--आप जिस वस्तु को बहुत प्यार करते हैं उसे पाना चाहते हैं तो उसे अनमोल कर दीजिये यह उदगार क्षेत्रपाल में विराजमान निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर जी महाराज ने आज की धर्म सभा मे कहे ,,, वे कहते हैं कि बड़े ही पुण्य भाव से आपको आर्य खण्ड में जन्म मिला जैन धर्म मिला बहुत प्यार करने वाले माता पिता और रिश्तेदार मिले और बड़े होकर जब आपको विदेश में नोकरी मिल गयी तो आप उन सभी को छोड़ कर विदेश चले गए जानते हो क्यों क्योंकि भारत में वही नोकरी 5 लाख रुपये-पैसे में थी और विदेश में 50 लाख रुपये-पैसे ,,, यानि आपने मात्र 45 लाख के लिये अपना देश अपना धर्म अपने माँ बाप रिश्तेदार सब छोड़ दिये,,
गुरुदेव ने बहुत चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों से कॉलेज कैम्पस से आर्थिक सम्पन्न विदेशी देश आकर हमारे देश के अच्छे अच्छे विधार्थियों को ले जाकर अपने देश में नोकरी दे रहें हैं और उन्नति कर रहें हैं इसमें दोष उन विदेशियों का नही बल्कि कमी हमारी स्वयं की हैं जो हमने मात्र 45 लाख के डिफरेंस को ध्यान में रखते हुए देश धर्म और रिश्तेदारों को छोड दिया यदि हम पैसों की ओर ध्यान न देकर देश को उन्नति की ओर ले जाने पर ध्यान देते तो हो सकता हैं आज देश की स्थिति कुछ अलग और विशेष होती,,
गुरुदेव कहते हैं कि ललितपुर में यह उनका चौथा चातुर्मास हैं और उन्होंने महसूस किया हैं कि यहां के लोगो ने उन्हें अनमोल कर दिया हैं तभी तो उनके कहने मात्र से यह क्षेत्र तीर्थ रूप परणित हो पाया हैं वे बड़े ही फख्र के साथ कहते हैं कि मैने अपने भक्तों के बीच बस एक चौबीसी निर्माण की घोषणा की थी राशि भी घोषित नही की थी और समय भी मात्र दस मिनिट का दिया था उसके बाबजूद भी भक्तों ने भक्ति को असीम कर दिया /अनमोल कर दिया और उसका परिणाम यह निकला कि चौबीस की जगह 35 नाम आये ,,, और शहस्त्रकूट नंदीश्वर के साथ बड़े मन्दिर की भी रचना पूरी हो गयी
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