हिमाचल प्रदेश : पूरा हुआ 14 वर्षों का वनवास अब तो विभाग में समायोजित करें सरकार ग्राम रोजगार सेवक हिमाचल प्रदेश ( Government Gram Rozgar Sevak Himachal Pradesh ) , पिछले 14 वर्षों से अपने कर्तव्यों का निष्ठा व इमानदारी से निर्वहन ( Fulfillment of duties faithfully and honestly ) कर रहे है |
ग्रामीण रोजगार सेवक, ग्रामीण इलाकों तथा असंगठित क्षेत्र के अकुशल मजदूरों ( Unskilled laborers in rural areas and unorganized sector ), विशेष कर महिलाओं, कमजोर व पिछड़ा वर्गों के अशिक्षित वर्गों को सरकार के दिशा-निर्देशानुसार ( as per the guidelines of the government ) उनके निवास स्थान के आस पास रोजगार उपलब्ध करवा रहे है जिस कारण पिछले 13-14 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों तथा रोजगार के अवसर बढ़े है .
Media में Reporter के weapon : Reporting के समय क्या क्या याद रखें .
लोगों का जीवन सुखमय ( happy life of people )हुआ है लेकिन इस नेक कार्य को प्राथमिक स्तर पर अंजाम देने वाला कर्मचारी ग्रामीण रोजगार सेवक 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी विभाग का कर्मचारी ( department staff ) नहीं है | जिससे इन कर्मचारिओं में भारी रोष व्याप्त है | इन कर्मचारिओं का कहना है कि कई विभागों में उन कर्मचारियों को भी विभाग में समायोजित ( accommodated in the department ) किया जा चूका है जो कि पंचायत प्रधानो तथा स्थानीय कमेटी अध्यक्षों द्वारा नियुक्त किए गए थे जबकि जिन ग्राम रोजगार सेवकों की नियुक्ति ( Recruitment of village employment servants ) एक निश्चित वैधानिक प्रक्रिया के तहत SDM , BDO तथा समिति अध्यक्ष द्वारा की गई है वे आज 14 वर्ष बीत जाने पर भी विभाग में समायोजन के लिए वंचित है तथा नई पेंशन स्कीम, मेडिकल भत्ते, विभागीय परीक्षा में छुट एवं EPF जैसी कई महत्वपूर्ण सुविधाओं से वंचित है | कोरोना काल में ग्रामीण रोजगार सेवकों नें अन्य विभागों व स्वास्थ्य विभाग में नोडल ऑफिसर ( nodal officer in health department ) तथा अन्य स्थानों पर डियूटी निभाने के साथ साथ लोगों को रोजगार देने का समयबद्ध कार्य युद्ध स्तर पर जारी रखा जो कि लोगों से सीधे सम्पर्क किए बिना असम्भव था, लोगों से रोजगार के लिए आवेदन ( application for employment ), खाता नम्बर, आधार कार्ड तथा खंड स्तर से दूर दराज की पंचायत में मस्टरोल, परिवहन साधनों के बंद के बावजूद पंचायत पदाधिकारियों तक पहुँचाना काफी जोखिम भरा था जिससे प्रदेश में कई ग्रामीण रोजगार सेवक कोरोना पोजिटिव हुए ( rural employment servants turned corona positive ) तथा कुछ को जान से हाथ धोना पड़ा लेकिन ऐसे कर्तव्यनिष्ठा कर्मचारिओं को फ्रंटलाइन वर्कर तक घोषत नहीं किया गया | ग्राम रोजगार सेवक संघ के राज्यउपाध्यक्ष श्री सत्यानन्द ठाकुर ने कहा है कि राजनैतिक इच्छा शक्ति से ही ग्राम रोजगार सेवकों को विभाग में समायोजित ( Adjusted employment servants in the department ) किया जा सकता है तथा उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री से अपील की ( Appeal to Honorable Chief Minister ) है कि अन्य कर्मचारी वर्गों की तर्ज पर ग्राम रोजगार सेवकों को भी विभाग में समायोजित किया जाए | प्रगति मीडिया संवाददाता कपिल देव की रिपोर्ट
जिला सिरमौर हिमाचल प्रदेश 173104
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