वेद पुराण में भी शास्त्र में भी अक्षय तृतीया का पर्व हिंदुओं का मुख्य त्योहार माना जाता है इस साल 3 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा.
वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह त्योहार मनाया जाता है. इस दिन शादी, शुभ काम, खरीदारी करने के लिए अबूझ मुहूर्त होता है. इस दिन किए गए शुभ काम जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं और खूब लाभ देते हैं. इसलिए नए काम शुरू करने के लिए अक्षय तृतीया को बहुत खास माना गया है. इसके साथ ही अक्षय तृतीया पर कुछ काम करने की मनाही भी की गई है.
अक्षय तृतीया के दिन न करें ये काम
अक्षय तृतीया को बहुत शुभ दिन माना गया है इसलिए इस दिन ऐसे कोई काम नहीं करने चाहिए, जो अशुभ माने गए हैं.
अक्षय तृतीया के दिन खाली हाथ घर न आएं. कुछ न कुछ खरीदी अवश्य करें. यदि सोना-चांदी नहीं खरीद सकें तो निराश होने की जरूरत नहीं है. इस दिन जौ, मिट्टी के बर्तन, पीतल आदि भी खरीद सकते हैं. इनकी खरीदी भी बहुत शुभ मानी गई है.
अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पूजा में भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करें लेकिन ध्यान रखें कि तुलसी को ना तो नाखूनों से तोड़ें और ना ही बिना नहाए छुएं. तुसकी को हमेशा उंगली के पोरों से तोड़ना चाहिए.
अक्षय तृतीया के दिन कभी भी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की अलग-अलग पूजा करने की गलती न करें. हमेशा उनकी एक साथ पूजा करें. वरना इनकी नाराजगी जिंदगी को तबाह कर सकती है.
अक्षय तृतीया के दिन घर के किसी भी हिस्से में अंधेरा न रहने दें और ना ही गंदगी रहने दें. इस दिन घर को साफ करके हर जगह रोशनी करें. तुलसी कोट में दीपक जरूर लगाएं. इसके अलावा शाम को मुख्य द्वार पर घी का दीपक भी जलाएं.
अक्षय तृतीया के दिन तामसिक भोजन न करें, ब्रह्मचर्य का पालन करें. ना ही किसी के लिए मन में बुरे विचार लाएं.
इस दिन दान अवश्य करें. खासतौर पर कोई गरीब व्यक्ति कुछ मांगे तो उसे खाली हाथ ना जाने दें. उसे, भोजन, कपड़े, पैसे कुछ भी दान जरूर करें.
"अक्षय तृतीया" जो इस वर्ष 03/05/2022 दिन मंगलवार, बैशाख, शुक्ल पक्ष तृतीया, विक्रम संवत 2079 को है। इसका महत्व क्यों है? जानिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां!
🙏-आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था।
🙏-महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था।
🙏-माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था।
🙏-द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था।
🙏- कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था।
🙏- कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था।
🙏-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था।
🙏-ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था।
🙏- प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है।
🙏- बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो वस्त्र से ढके रहते है।
🙏- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।
🙏- अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है।
सुप्रभात 🙏
संवाददाता राहुल पांडे
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