मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट को दिए नोटिस के विरोध में जुटे दुकानदार व्यापारी व धर्मशाला ग्रेस्ट हाऊस प्रंबधक ने दी आंदोलन की चेतावनी, बोले- मंदिर का अधिग्रहण बर्दाश्त नहीं करेगे
मेहंदीपुर बालाजी में सरकार के विरोध में ।दुकानदार व्यापारी व धर्मशाला ग्रेस्ट हाऊस प्रंबधक ने शनिवार को
छपीरया वाली धर्मशाला मे श्याम को बैठक आयोजित कर प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के प्रबंधन को लेकर देवस्थान विभाग ने नोटिस जारी करते हुए जवाब मांग है। मंदिर को दिए गए नोटिस के खिलाफ स्थानीय व्यापार मंडल ने मीटिंग आयोजित कर राज्य सरकार को आंदोलन चेतावनी दी। लोगों का कहना था कि प्रसिद्ध आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के प्रमुख महंत किशोरपुरी महाराज का पार्थिव शरीर समाधिलीन भी नहीं हुआ था कि देवस्थान विभाग ने बालाजी मंदिर को सरकारी दायरे में लाने पर विचार बना लिया है। मंदिर के अधिग्रहण को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से भारी रोष व्याप्त है। लोगों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
जनभावनाओं का सम्मान करे सरकार
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में कथित अव्यवस्थाओं का हवाला देते हुए राज्य सरकार के देवस्थान विभाग ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में हितधारको को 17 अगस्त तक जवाब देने के लिए कहा गया है। ऐसे में मंदिर के सरकारीकरण को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का स्थानीय दुकान द्वारो व धर्मशाला प्रंबधक को ने विरोध शुरू कर दिया है। इसके लिए शनिवार को स्थानीय व्यापार मंडल व होटल धर्मशाला संचालक को ने एक मीटिंग आयोजित कर राज्य मुख्यमंत्री व राज्यपाल जिला क्लेक्टर दौसा को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया।
मंदिर के सरकारीकरण के विरोध में क्षेत्र के लोगो व जनप्रतिनिधियों का साफ तौर पर कहना है कि वे राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं। बालाजी मंदिर का सरकारीकरण नहीं होना चाहिए। लोगो का कहना है क्या सरकार को महंत किशोरपुरी के ब्रह्मलीन होने का इंतजार था। क्या सरकार की नजरें बालाजी मंदिर ट्रस्ट पर थी। सरकार बालाजी मंदिर को अधिग्रहण करने जा रही है, तो हम इसके विरोध में हैं।
मंदिरों का ही अधिग्रहण क्यों?
सरकार मंदिरों का अधिग्रहण ही क्यों करती है। मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च आदि का अधिग्रहण क्यों नहीं करती। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का अधिग्रहण किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे। इसके लिए चाहे हमें कुछ भी क्यो नही करना पड़े। हम विकास के पक्षधर हैं। हम चाहते हैं सरकार यहां का विकास करे, पूरे क्षेत्र साथ हैं। लेकिन अब मंदिर का अधिग्रहण बर्दाश्त नहीं होगा।
गहलोत सरकार की मंशा को धर्म विरोधी
लोगों का कहना है की सरकार जन भावनाओं को ध्यान में रखकर बालाजी मंदिर का अधिग्रहण रोके। जन भावनाओं के अनुकूल ही बालाजी मंदिर अधिग्रहण रोकने में जनता के साथ रहे। लोगो ने गहलोत सरकार की मंशा को धर्म विरोधी बताया। लोगो ने यहां तक कहा कि आज तक राजस्थान प्रदेश में किसी भी सरकार ने मंदिरों का अधिग्रहण नहीं किया। लेकिन अब सरकार हनुमानजी के मंदिर को छीनने का प्रयास कर रही है जिसे जनता सफल नहीं होने देगी।
दुसरी और देश के विभिन्न राज्यो से भी गोस्वामी समाज यह सनातन धर्म सरकार के रैवये से खुश नही है
मेहंदीपुर में 400 वर्षों से दसनाम गोस्वामी समाज (पुरी मढ़ी) के महंत विरासत काल से मंदिर के गद्दीनशीन रहे हैं। पूर्व में महंत गणेशपुरी जी उनके देवलोक होने के बाद महंत किशोर पुरी जी जो लगातार 55वर्षों से मंदिर की गद्दी पर विराजमान थे। विगत रविवार को उनके ब्रह्मलीन होने के बाद उनके उत्तराधिकारी महंत श्री नरेश पुरी जी गद्दीनशीन हुए हैं।
जिला प्रशासन मीडिया के माध्यम से अवगत हुआ है कि "मेहंदीपुर बालाजी मंदिर" का सरकार अधिग्रहण करना चाहती है। अखिल भारतीय दसनाम गोस्वामी समाज इसका विरोध करता है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ महेश गिरि जी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को एक पत्र जारी कर इस बात का अनुरोध किया हैं एवं व्यक्तिगत रूप से फोन पर वार्ता भी की है कि इस तरह का कोई आदेश पारित न करें। दसनाम गोस्वामी समाज (पुरी मढ़ी) की इस विरासत गद्दी पर किसी भी प्रकार का प्रशासनिक हस्तक्षेप दसनाम गोस्वामी समाज स्वीकार नहीं करेगा।
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