प्रतिबंध के बाद भी मछली का अवैध कारोबार क्यों
गणेशगंज
छपारा
:-भीमगढ़ बांध 10 साल के लिए ठेका में दिया गया था जिससे ठेकेदार लाखों
करोड़ों रुपए मछली के कारोबार करते है । ठेकेदार का अनुबंध 15 जून को
समाप्त हो गया अब नई निविदा प्रकाशन होगी और फिर से उक्त बांध का ठेका दिया
जाएगा परंतु सहायक प्रबंधक महेंद्र सिंह उईके और ठेकेदारों की मिलीभगत से
आज भी मछली का अवैध मत्स्य आखेट कर प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे है
जबकि प्रशासन के स्पष्ट आदेश हैं कि 15 जून से 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट
पर पूर्ण प्रतिबंध है बावजूद इसके पुलिस विभाग भी कार्रवाई नहीं करता
मिलीभगत से मछली का अवैध मत्स्य आखेट किया जा रहा है ।
भीमगढ़ डैम में 0
चेन से बाहर के मछुआरों के द्वारा जाल डालकर मछली का अवैध आखेट किया जा रहा
है विभाग की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से मत्स्य आखेट कराया
जाना एवं साथ ही झींगा भी मरवाया जा रहा है और भीमगढ़ बांध के शिव मंदिर के
पास स्थित एरिकेशन मे बनाए हुए पुराने भवन में जो कि एरिकेशन
द्वारा मछली ठेकेदार को मछली रखने के लिए दिया गया है वहां पर बाहर से आए
हुए मछुआरों द्वारा मछली एवं झींगा मारा जा रहा है इस और मत्स्य विभाग
विभाग सहायक संचालक सिवनी भी चुपचाप बैठे हुए हैं कोई ध्यान नहीं दे रहे
है ठेकेदार के और सहायक प्रबंधक महेंद्र सिंह उईके द्वारा इस कार्य को
अंजाम दिया जा रहा है । ऐसे में ठेकेदार के हौसले बुलंद हैं और संबंधित
इनसे मलाई खा रहे हैं
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