दिल्ली में 19 अप्रेल को दिल्ली सरकार द्वारा 1 हफ्ते का lockdown कर दिया .
दिल्ली में एक हफ्ते के लॉकडाउन के ऐलान के बाद दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में इसका असर देखने को मिला.
Delhi lockdown की खबर सुनते ही लोगो ने अपने घर का 1 हफ्ते का राशन भरना सुरु कर दिया . बाजारों में लोगों की काफी बड़ी मात्रा में भीड़ दिखी . ( There was a huge crowd of people in the markets. )
दिल्ली नोएडा में रातभर रेलवे स्टेशन बस अड्डों पर प्रवासी मजदूरों की भीड़ लगी रही.( There was a crowd of migrant laborers at the bus stands. ) हर किसी को किसी भी तरह अपने घर जाने की जल्दी थी.
दिल्ली सरकार LG के बीच हुई बैठक के बाद सोमवार रात 10 बजे से अगले सोमवार 26 अप्रैल सुबह 5 बजे तक दिल्ली में फिर लॉकडाउन लगाया गया ( Lockdown imposed again in Delhi ) है.
घर वापसी पर प्रवासी मजदूरों का क्या कहना हैं .
प्रवासी मजदूरों का कहना है कि जिस तरह दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ( Corona cases are continuously increasing in Delhi ) ऐसे में उन्हें भरोसा नहीं है कि लॉकडाउन एक सप्ताह बाद खत्म हो जाएगा. पिछले साल जैसी स्थिति ना हो इसलिए वह घर जा रहे हैं.
Delhi Chief Minister ने बताया Lockdown लगाने का कारण । क्या खुलेगा ? क्या नहीं ?
देर रात निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, आनंद विहार, कौशांबी बस अड्डे से यूपी बिहार के दूर-दराज शहरों के प्रवासी लोग पलायन करने लगे हैं.( Migrants from far-flung cities have started migrating. )
यहां एक बार फिर से 2020 जैसी भीड़ उमड़ पड़ी है जब मार्च में लॉकडाउन के ऐलान के बाद ( After the lockdown announcement ) एक बार में आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर हजारों लोग की भीड़ लग गई थी. देर रात तक यहां भारी भीड़ दिखी. सोशल डिस्डेंसिंग का लोगों ने पालन नहीं किया.( People did not follow social distancing. ) भीड़ इतनी थी कि कहीं भी पैर रखने की जगह नहीं बची थी.
केजरीवाल की अपील का असर नहीं.
दिल्ली मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन के ऐलान के बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ( Kejriwal, Chief Minister of Delhi )ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं भरोसा दिलाता हूं कि सरकार आपका पूरा ख्याल रखेगी. आप दिल्ली में ही रहिए. उन्होंने कहा, "पिछली बार जब देश में लॉकडाउन लगा था. हमने देखा था कि किस तरह बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर ( Large number of migrant laborers ) अपने गांव जाने लगे. मैं खासतौर से हाथ जोड़कर अपील करना चाहता हूं, ये छोटा सा लॉकडाउन है, 6 दिन का. दिल्ली छोड़कर मत जाइए. लेकिन सीएम केजरीवाल ( Chief Minister kejriwal ) की अपील का मजदूरों पर कोई असर नहीं दिख रहा है. मजदूर किसी तरह से भी घर जाने पर आपदा हैं.
कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद दिल्ली सरकार ने सम्पूर्ण लॉक डाउन का ऐलान किया है ( The Delhi government has announced a complete lock-down ), जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर के तमाम बस अड्डों रेलवे स्टेशनों पर एक बार फिर दूर दराज से इन बड़े इमारतों वाले शहर में अपने सपनों को तराशने आये मजदूरों की भीड़ लग गयी है.
मजदूर अपने घर जाने को तैयार है उन्हें फिर लग रहा है आज से 1 साल पहले वाली condition फिर आ गई हैं .
लोग अपने घरों की ओर जल्दी से जल्दी जाना चाहते है, पलायन कर रहे मजदूरों का कहना है ( Migrating workers say ) कि उनको सरकारों पर भरोसा नहीं. जो सरकार एक साल बाद भी कोरोना के लिए तैयारी नही कर पाई आखिर वो कैसे हमारा ख्याल रखेगी. मजदूरों के भीड़ की तस्वीरें एक बार फिर से पिछले साल लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन की याद दिलाती हैं. ( Reminds me of the exodus of laborers during the lockdown last year. )
पिछले साल हुए Lockdown में प्रवासी मजदूरों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था.
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