डूब क्षेत्र की जमीन पर अवैध रूप से सिंचाई विभाग के आमीन द्वारा जबरन कब्जा दिलाया गया
पीड़ित पक्ष द्वारा 181 में की गई शिकायत कहां गया हमें न्याय दिलवाओ साहब
छपारा :-
जनपद
क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम मोहली तहसील छपारा जिला सिवनी के रहने
वाले श्रीराम पिता अम्मी लाल रजक ने सिंचाई विभाग के अमीन उमेश शर्मा पर
आरोप लगाते हुये कहा कि डूब की उनकी निजी भूमि का दूसरे काश्तकार को पट्टा
बनाकर अवैध रूप से कब्जा दिलाया गया हैं। और उनकी निजी पैतृक भूमि पर उनको
ही घुसने नही दिया जा रहा हैं अनावेदकों द्वारा जान से मारने की धमकी तक दी
जा रही जिसकी लिखित शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक और प्रदेश के मुखिया को
हेल्पलाइन के माध्यम से भी की है।
अपनी
शिकायत में श्री राम पिता अमीलाल रजक ने बताया कि उनकी पैतृक कृषि भूमि
खसरा नंबर 83,84,रकवा क्रमांक 2.0 56 ,1.18 2 , हेक्टेयर कुल रकबा 3. 238
है जो भीमगढ़ बांध के डूब क्षेत्र में आती है,मैं अपनी जमीन पर कृषि करके
अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं बांध के जल भराव क्षेत्र में जो
जमीन आती है उसमें सबसे पहले जिस किसान की कृषि भूमि डूबती है जल संसाधन
विभाग द्वारा उस किसान को कृषि कार्य के लिए प्रतिवर्ष पट्टा दिया जाता है
और किसान उस पट्टे के एवज में शासन को टैक्स के रूप में राशि देता है ।
पीड़ित
ने अपने आवेदन में आगे कहां की मेरे द्वारा लगातार 25 से 30 वर्षों से
मैं उक्त जमीन पर कृषि कार्य कर रहा हूं लेकिन इस वर्ष जल संसाधन विभाग में
पदस्थ अमीन उमेश शर्मा द्वारा पैसे लेकर युसूफ पिता फरद खान, नसरत पिता
फराद खान दोनों निवासी सागर चौकी भीमगढ़ कॉलोनी तहसील छपारा जिला सिवनी के
निवासी हैं । जिसको अमीन द्वारा मेरी पैतृक जमीन जिसमें वर्षों से कृषि
कार्य कर रहा हूं । लेकिन अमीन द्वारा लेनदेन करके उनको उक्त भूमि का
पट्टा दे दिया गया।
जब मैं उक्त जमीन पर बोने के लिए
गया तो मुझे उक्त पटेलों ने गंदी गंदी गाली देकर मारने की धमकी देने लगे
इस बात की शिकायत मेरे द्वारा पुलिस अधीक्षक सिवनी को दे दी गई है इस पूरे
प्रकरण के साथ-साथ दूसरे अन्य किसानों को भी जल संसाधन विभाग के अमीन उमेश
शर्मा पुलिस चौकी भीमगढ़ के प्रभारी के साथ मिलीभगत कर बहुत राशि किसानों
से अवैध रूप से वसूली की जाती है और रसीद भी नहीं दी जाती जिससे क्षेत्र के
सभी किसान अमीन उमेश शर्मा से परेशान है। अमीन उमेश शर्मा लगभग 10 वर्षों
से जल संसाधन विभाग छपारा में पदस्थ है।
अतः महोदय
जी से निवेदन है कि जल संसाधन में पदस्थ अमीन उमेश शर्मा एवं मेरी पैतृक
जमीन पर कब्जा करने वाले युसूफ औऱ नसरत पिता फरद खान दोनों ग्राम सागर
निवासी क्योंकि भीमगड़ कॉलोनी के निवासी हैं मुझे मेरी जमीन इनसे दिलाई जाए
जिसमें अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं एवं इनके विरोध उचित
कार्रवाई की जाए।
वही
अपनी विवादित कार्यप्रणाली के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाले अमीन
उमेश शर्मा के ऊपर आवेदक द्वारा कई गंभीर आरोप लगाए गए यदि नियम कानून से
देखा जाए तो सब गोलमाल समझ आता है
बैठक में अनुविभागीय दंडाधिकारी का सदस्यों का होना अनिवार्य है बिना इसकी अनुमति के कोई पट्टे जारी नहीं होते
जबकि वर्तमान में समिति भंग है
अमीन
उमेश शर्मा और एसडीओ उदयभान सिंह मर्सकोले इनके पास पट्टा आवंटन की
नियमावली 1939 ( अंग्रेजी शासन ) की उपलब्ध है उस को आधार बनाकर पट्टे
देने में हेरा फेरी की जा रही है
43 गांव की जमीन डूब
क्षेत्र में है 506 मीटर के नाप से खेती हो रही है । इस नाप तक ग्राम बार
कितनी जमीन खुलती है इसका कोई रिकॉर्ड अमीन के पास उपलब्ध नहीं है और यदि
है भी तो यह सार्वजनिक नहीं करते हैं । अनुमानित 50 एकड़ प्रति ग्राम वार
मान ली जाए तो 150 एकड़ कम से कम इतनी किसानों की डूब क्षेत्र की जमीने
खुलती हैं इसमें वन भूमि और राजस्व भूमि अलग है
यदि
मान लो इनको भी मान लिया जाए तो लगभग 4000 एकड़ जमीन हर साल खुलती है लगभग
एक हजार पट्टे आवंटित है 2000 एकड़ जमीन पट्टे में खेती की जाती है तो बाकी
जमीन के पट्टे का पैसा सरकार को क्यों नहीं जमा होता है ।
ज्यादा
पैसे लेकर कम जमीन की रसीद दी जाती है पानी का पैसा अलग बसूला जाता है जो
रसीद दी जाती है उससे यह सिद्ध नहीं होता कि वह किस विभाग की है जिसके नाम
से पट्टे दिए गए हैं अधिकतम लोग ऐसे हैं जो किसी भी मापदंड में पात्र नहीं
है । लाखों रुपए की अवैध वसूली अमीन द्वारा की जा रही है । आमीन के पट्टे
वितरण को लेकर डूब क्षेत्र में काफी रोष व्याप्त है । सभी पीड़ित किसानों
ने माननीय कलेक्टर महोदय से यह निवेदन किया है कि अमीन को अनियंत्रित यहां
से कहीं और भेजा जाए और मुझे मेरी पैतृक जमीन के पट्टे जो अमीन द्वारा काफी
लेनदेन करके दूसरों को दिलवा दिया है उसे मुझे वापस दिलाया जाए जिससे मैं
अपने परिवार का भरण पोषण कर सकूं।
इनका कहना है:-
आवेदक द्वारा मेरे ऊपर अनर्गल आरोप लगाए गए हैं मैं अपना काम कर रहा हूं
आवेदक ने तलछट की भूमि पर 2001 से ठेका देकर कृषि काश्तकारी कराई जा रही है
जिसका आज दिनांक तक जल संसाधन विभाग को पैसा नहीं पटाया गया पता है अतः
विभाग द्वारा मौके पर काश्तकारी करते गए किसान से डबल चार्जर लेकर नियम
अनुसार उसे ही डूब क्षेत्र की भूमि पर काश्तकारी करने के लिए दी गई हैं
उमेश शर्मा अमीन
जल संसाधन विभाग
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