*आरटीआई से खुलासा छपारा विकासखंड में *दो ही प्राइवेट चिकित्सक हैं पंजीकृत*
दर्जनों से अधिक झोलाछाप डॉक्टर छपारा मुख्यालय सहित आसपास कर रहे हैं प्रैक्टिस
छपारा
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा में एक आईटीआई के जरिए जानकारी मांगी
गई है जिसमें समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा अंतर्गत कितने चिकित्सक
रजिस्टर्ड है जिसमें जवाब देते हुए बताया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
छपारा में प्राइवेट पंजीकृत दवाखाना दो हैं देशमुख दवाखाना नर्मदा नर्सिंग
होम इसके अलावा और जो रजिस्टर्ड नहीं है वह किस अधिकारी के अनुमति से
संचालित हो रहे हैं जिस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा जवाब दिया
गया है। दो दवाखाना के अलावा कोई भी पंजीकृत नहीं है और सामुदायिक
स्वास्थ्य केंद्र दवाखाना संचालन हेतु किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई
है यह जानकारी आईटीआई के जवाब में
डॉ देवाशीष
बनर्जी बीएमओ द्वारा जानकारी देते हुए बताया है । इनके अलावा किसी दवाखाने
के द्वारा प्रैक्टिस से संबंधित कोई अनुमति नहीं दी गई है ना ही उनके
द्वारा ली गई है जो सीधे तौर पर अब अवैध माने जा रहे हैं नजरें दौड़ आएं तो
छपारा विकासखंड के आसपास के गांव और मुख्यालय छपारा के झंडा चौक तकिया
वार्ड और आसपास न जाने कितने क्लीनिक अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं जहां
झोलाछाप डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं बस स्टैंड इलाके में भी कई डॉक्टर
प्रैक्टिस कर रहे हैं लेकिन इन पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग जरा भी
सक्रिय नजर नहीं आता है छुटपुट कार्रवाई कर अपने ही विभाग की पीठ थपथपा ने
लगता है लेकिन देखा जाए तो बंगाल से आए झोलाछाप डॉक्टरों की तादाद
दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है जो कई लोगों के लिए उनके इलाज जानलेवा साबित हो
रहे हैं इतना ही नहीं पिछले दिनों घंसौर के एक गांव से ऐसा मामला सामने आया
जहां एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक व्यक्ति जो मजदूरी का कार्य किया
करता था उसके पैर में हल्का सा जख्म होने पर झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से
अपाहिज बना दिया और अब पूरा परिवार जिल्लत झेल रहा है जिससे अब उसके
रोजी-रोटी के भी लाले पड़ गए हैं लेकिन प्रशासन ने अब तक जिले में झोलाछाप
डॉक्टरों पर कार्रवाई को लेकर कोई मुहिम नहीं छोड़ा है छपारा में झोलाछाप
डॉक्टर और हेवी डोज की दवाएं देकर मरीजों का जमकर दोहन कर रहे हैं वहीं इस
लूट का सूट को लेकर शासन प्रशासन ने मौन साधे हुए हैं।
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