विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन शून्यकाल में कांग्रेस ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दामों को लेकर चर्चा की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया है। और कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया है....
विपक्ष ने सरकार को सदन में जमकर घेराहै। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने पेट्रोल और डीजल में हो रही मूल्य वृद्धि पर चर्चा कराने की मांग की है। लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई तो विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने विधानसभा में भारी हंगामा किया और नाराजगी का इजहार करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया है। सदन में कांग्रेस विधायक आमजनता से जुड़े पेट्रोल-डीजल के दामों में बढोतरी के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए अड़े थे।
लेकिन कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने सदन के अंदर पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों पर चर्चा नहीं कराने पर वॉकआउट का ऐलान कर दिया है। इस दौरान सदन में काफी हंगामे की स्थिति बन गई थी। कांग्रेस के सभी विधायक सदन के बाहर आ गए और जमकर नारेबाजी की तथा गांधी प्रतिमा के सामने धरना देकर बैठ गए है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश का हर वर्ग इस बढ़ती महंगाई से परेशान है। सरकार को डीजल-पेट्रोल और गैस पर वैट कम कर जनता को राहत देना चाहिए है। पेट्रोल और डीजल मूल्यवृद्धि के खिलाफ कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कोरोना का डर दिखाकर सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में सभी तरह के धरना प्रदर्शन मेला के आयोजनों पर रोक लगाने का फैसला हुआ है। सरकार इस तरह के फैसले से पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस के आंदोलन को दबाने की कोशिश में है। लेकिन 3 मार्च को कांग्रेस का विधानसभा घेराव होकर रहेगा। सदन में भी विपक्ष इस मामले को जोर-शोर के साथ उठाएगा।
आशीष रावत मध्यप्रदेश
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